Sun, 20Nov 2016
एक हजार तथा पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर किए जाने के दस दिन बाद कई बैंकों की स्थिति में कुछ बदलाव नजर आया। अन्य दिनों की अपेक्षा लोगों की बैंकों में भीड़ कम होने लगी है। कुछ बैंक शाखाओं को अपवाद में छोड़ दें तो शनिवार को बैंकों में भीड़ कम थी। काउंटर पर लोग अपने हिसाब से जमा व निकासी में लगे रहे। काउंटरों के आगे लगने वाली लंबी लाइन अपेक्षाकृत कुछ छोटी दिखी। कुछ शाखाओं में पूरे दिन कतारें लगी रहीं। लेकिन बैंक के बाहर तक लगने वाली कतारें बैंक के अंदर तक सिमटी नजर आई। दूसरी तरफ एटीएम केंद्रों पर शनिवार को भी लंबी कतार लगी रही। पुराने नोटों के बंद होने के दस दिन बाद भी शहर के कई एटीएम से पैसों की निकासी शुरू नहीं हो सकी। एटीएम केन्द्र खुले दिखे, लेकिन उसमें पैसा ही गायब रहा। जिन एटीएम केंद्रों में पैसे उपलब्ध थे, वहां लोगों की सुबह से ही लंबी लाइन लगी मिली। पूरे दिन एटीएम के आगे लगी लंबी लाइन छोटी होती नहीं दिखी।
शनिवार नोट बंदी लागू होने के दस दिन के बाद बैंकों की स्थिति बदली-बदली दिखी। कई बैंकों में ड्राफ्ट आदि बनाने का काम कल तक ठप था, वह कार्य भी सुस्त रफ्तार से ही सही, प्रारंभ हो गया। बैंकों में लोगों की लाइन कम रही। नोट बदलने वाले लोगों में भी इसे बदलने को लेकर कोई विशेष अफरातफरी नहीं रही। लेकिन बैंकों में नोट बदलने वालों की लाइन अन्य लाइनों से बड़ी जरूर रही। बैंकों की मानें तो नई व्यवस्था के तहत 2000 रुपए ही बदले जाने तथा आइडी का एक ही बार प्रयोग कर पाने के कारण नोट एक्सचेंज करने वालों की संख्या घटी है। साथ ही नोट बदलने वालों की अंगुली पर मार्कर से निशान लगाया जा रहा है जिससे वे दोबारा नोट एक्सचेंज नहीं कर पा रहे हैं। बावजूद इसके शनिवार को कई बैंक शाखाओं में नकदी का भी संकट दिखा भले ही नए नोट जिले को प्राप्त हुए हैं। लेकिन प्रत्येक बैंक की शाखा में नए नोट उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।
कहते हैं लोग
एटीएम केंद्र दे रहे धोखा
लग्न का मौसम है, ऐसे में पैसे की सख्त जरूरत है। एक एटीएम से दूसरे एटीएम में कल से दौड़ रहा हूं। लेकिन रकम हासिल करने में सफलता नहीं मिल सकी है।
मोहन कुमार, हजियापुर
जाने कब सबकुछ सामान्य होगा
नोट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। बैंकों में तो स्थिति दिनों दिन सामान्य हो रही है। लेकिन एटीएम की दिक्कत बरकरार है। जाने कब सब सामान्य होगा।
रागिनी मिश्रा, अधिवक्ता नगर
डराने लगी है एटीएम की भीड़
पहले कभी-कभार और किसी-किसी एटीएम में ही लंबी लाइन देखने को मिलती थी। लेकिन अब लाइन को लेकर एटीएम की स्थिति डराने वाली है। पता नहीं कब स्थिति बदलेगी।
मेराज अहमद, जंगलिया
हर चालू एटीएम में भीड़ है
पिछले कुछ वर्ष में एटीएम की तादाद इतनी बढ़ गई है कि इनपर भीड़ देखने की आदत छूट सी गई थी। नोटबंदी के बाद तो हर चालू एटीएम पर लाइन है। भीड़ भी ऐसी कि पैसा निकालना मुश्किल हो गया है।
विजय प्रसाद, मेन रोड