Tue, 26 Apr 2016
प्रखंड के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों को अभी तक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। इन केन्द्रों के बच्चे आज भी पेड़ के नीचे तथा खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश है। भवन निर्माण न होने का कारण कहीं जमीन उपलब्ध न होना और कहीं विभाग द्वारा व्यवस्था नहीं किया जाना बताया जाता है। बताया जाता है कि प्रखंड के नौ पंचायतों में कुल 87 केन्द्र स्वीकृत है। जिसमें 77 केन्द्र क्रियाशील है। वहीं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र 13 स्वीकृत है, जिसमें 10 क्रियाशील है।
जिसमें 52 आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपना भवन नसीब नहीं है। ऐसे में मौसम की मार यहां के बच्चे झेल रहे हैं। कुछ केन्द्रों की स्थिति तो ऐसी है कि भवन निर्माण के नाम पर दीवार या नींव ही दिखते हैं। ऐसे लगभग 10 केन्द्र है, जिनका भवन कागजों में तो निर्मित है। लेकिन धरातल पर भवन कहीं नजर नहीं आता।