Fri, 29 July 2016
गंडक नदी के जलस्तर के लगातार बढ़ने से जिले के दियारा इलाके में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। इस बीच गुरुवार की सुबह कुचायकोट प्रखंड के सिपाया में गंडक नदी के मुख्य तटबंध के करीब एक किलोमीटर अंदर बना छरकी पानी के दबाव से टूट गई। जिससे नदी का पानी तेजी से मुख्य तटबंध में भर रहा है। छरकी व मुख्य तटबंध के अंदर स्थिति कृषि विज्ञान केंद्र तथा राजकीय पालिटेक्निक जलमग्न हो गया है। छरकी टूटने से भोज छापर मुख्य तटबंध पर गंडक नदी का दबाव बढ़ गया है। यहां नदी का पानी तटबंध से एक फीट नीचे तक पहुंच गया है। जिससे पानी तटबंध से ओवर फ्लो करने की स्थिति बनती जा रही है। इस बीच बरौली प्रखंड के सिकटियां स्थिति मुख्य तटबंध में दरार पड़ जाने से प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है। गुरुवार को मुख्य तटबंध में दरार पड़ने की जानकारी मिलते ही बाढ़ नियंत्रण विभाग बोरा में ईट बालू डालकर तटबंध के दरार भरने में जुट गया है। सिपाया छरकी टूटने तथा सिकटियां तटबंध में दरार पड़ने के बाद जिला प्रशासन तथा एनडीआरएफ की टीम स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सिपाया छरकी टूटने की जानकारी मिलते ही वहां पहुंचे जिलाधिकारी राहुल कुमार मौके पर कैंप कर रहे हैं। उन्होंने एनडीआरएफ के मोटर वोटर से बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंच कर वहां की स्थिति जायजा लिया। इसी बीच गुरुवार को बाढ़ प्रभावित काला मटिहनिया, दुर्ग मटिहनिया तथा सल्लेपुर की स्थिति और बिगड़ गई। इन गांवों में दस फीट पानी भर गया है। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित 55 गांवों से ग्रामीणों को पलायन तेज हो गया है। बाढ़ की स्थिति विकट होते देख जिला प्रशासन ने पूरे सरकारी अमला को अलर्ट कर दिया है।