Thu, 09 Jun 2016
प्रखंड प्रमुख के चुनाव के दौरान पर्याप्त सख्ती रहेगी। आयोग ने प्रखंड प्रमुख के चुनाव के दौरान किसी भी परिस्थिति के बीडीओ व सीओ को हाल में अंदर प्रवेश की इजाजत नहीं देने का निर्देश दिया है। हद तो यह कि हाल के अंदर संबंधित प्रखंड में तैनात कोई भी कर्मी भी प्रवेश नहीं पा सकेगा। यह आदेश वर्दी वाले पुलिस कर्मियों व पुलिस पदाधिकारी पर भी लागू होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रखंड प्रमुख पद के चुनाव को लेकर कई बिन्दुओं पर दिशानिर्देश जारी किया है। इसके तहत आयोग ने प्रखंड प्रमुख का चुनाव कराने का पूर्ण रूप से जिम्मा संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी को दिया है। आयोग ने अनुमंडल पदाधिकारी (अध्यक्ष) को निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों के शपथ ग्रहण व प्रमुख एवं उप प्रमुख के चुनाव में सहायता के लिए बीडीओ, सीओ व प्रखंड स्तर के किसी भी पदाधिकारी को नहीं तैनात करने का निर्देश दिया है। आयोग ने चुनाव के दौरान सहयोग के लिए अध्यक्ष को किसी दूसरे प्रखंड के अधिकारी को तैनात करने का निर्देश जारी किया है। आयोग ने हर हालत में एक अनुमंडल में एक दिन में दो से अधिक प्रखंड में प्रमुख का चुनाव नहीं कराने का निर्देश जारी किया है। आयोग ने प्रमुख व उप प्रमुख के निर्वाचन के दौरान निरक्षर निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों को अव्यस्क को साथ ले जाने का निर्देश दिया है। ताकि निरक्षर मतदाता इनके सहारे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में डीडीसी का प्रवेश वर्जित
आयोग ने प्रखंड प्रमुख के चुनाव की ही तरह जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में डीडीसी के हाल में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। इतना ही नहीं आयोग ने जिला अभियंता के अलावा जिला परिषद के किसी भी कर्मी को चुनाव के दौरान हाल के अंदर जाने पर रोक लगा दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव को लेकर गत तीन जून को दिशानिर्देश जारी किया। जिसके तहत जिला परिषद अध्यक्ष के निर्वाचन के समय परिषद में तैनात किसी भी अधिकारी व कर्मी का निर्वाचन हाल में प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश है। आयोग ने निर्वाचन के समय तैनात सभी पुलिस पदाधिकारियों को भी हॉल के बाहर ही रहने का निर्देश जारी किया है। अगर हॉल के अंदर किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है, और उस गड़बड़ी पर रोकथाम के लिए पुलिस का बुलाया जाना अनिवार्य होता है तो उस स्थिति में पुलिस कर्मी या पुलिस पदाधिकारी को अध्यक्ष (जिलाधिकारी) की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।