Sun, 22 May 2016
ये गौतम की महावीर की वाणी का सार है, चाणक्य चंद्रगुप्त की महिमा अपार है, दिनकर की पानी की हुंकार है, जो हार नहीं मानता वो बिहार है। शहर के गोपालगंज क्लब परिसर में प्रतिष्ठीत मीडिया हाउस के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान कवि डॉ. सुनील जोगी ने बिहार की धरती को नमन करते हुए कुछ इसी अंदाज में बिहार के गौरव का बयान किया। शनिवार को देर रात तक चले इस कवि सम्मेलन में पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी के अलावा दिनेश बाबरा, डॉ. अनु सपन, हाशिम फिरोजाबादी तथा विनीत चौहान जैसे कवियों ने लोगों को झूमने को विवश कर दिया।
मुम्बई से चलकर प्रतिष्ठीत मीडिया हाउस के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे कवि दिनेश बावरा ने शिक्षा प्रणाली पर अपनी कविता प्रस्तुत कर लोगों को हंसने के साथ ही सोचने पर भी मजबूर कर दिया। उनकी कविताओं के दौरान कार्यक्रम स्थल पर हंसी छूटती रही। उन्होंने कविता के आगाज में कहा कि मेरा व अरविंद केजरीवाल का चेहरा कुछ मिलता जुलता है। फर्क सिर्फ इतना है कि वे घर के बाहर झाड़ू लगाते हैं और मैं घर के अंदर। उन्होंने श्रोताओं में राष्ट्रभक्ति को लेकर जोश भी भरा। उनकी कविता, की है टुकड़ों में बांट कर गलती, एक ही खानदान अच्छा था, आजकल लोग कहते हैं कराची में, हमरा हिंदुस्तान अच्छा था., ने श्रोताओं में जोश भर दिया। इसके बाद उनकी एक से बढ़ कर एक कविता सुनकर लोग लोटपोट होते रहे। भोपाल से आई मशहूर कवियित्री डॉ. अनु सपन ने जैसे ही माइक को थामकर अपनी सुरीली आवाज में 'मेरे हाथों की लकीरों में समाने वाले, कैसे छीनेंगे मुझे तुमसे जमाने वाले' सुनाया तो उपस्थित श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। उनकी कविता 'जलती है समां जैसे..' तथा 'मेरे प्यार की हकीकत जरा आजमा के देखो, कभी दूर जाकर देखो, कभी पास आकर देखो, मेरा दिल नहीं कोई रेत का घरौंदा, कभी मिटाके देखो तो, कभी बना के देखो..' पर दर्शक वाह-वाह कहने से अपने को नहीं रोक सकें। कवि हाशिम फिरोजाबादी ने 'वतन पर मिटने वालों पर, चढ़े वो फूल हो जाऊं..' के साथ अपने काव्य पाठ की शुरुआत की। उन्होंने 'अब न हो मुल्क में कोई दंगा कभी, कभी मैली न हो ये गंगा कभी..' के साथ ही कई देशभक्ति कविताओं से लोगों में देश प्रेम का जोश भर दिया। जाने माने ओजस्वी कवि व मंच का संचालन कर रहे विनीत चौहान ने अपनी कविता के माध्यम से लोगों में देश प्रेम का भाव जगा दिया। उन्होंने कहा कि 'वो पौरुष के बेटों को भी गाली देकर बैठे हैं.., राज ठाकरे से कह दो..' प्रस्तुत कर कार्यक्रम में मौजूद लोगों में जोश भर दिया। उन्होंने हनुमनथप्पा पर भी कविता पाठ प्रस्तुत कर लोगों में जोश भरने का काम किया। देर रात तक चले इस कवि सम्मेलन में दर्शक कुर्सी से चिपके रहे और गोपालगंज क्लब हंसी के ठहाकों से गूंजता रहा।
डीएम पर भी खूब चले शब्दों के बाण
प्रतिष्ठीत मीडिया हाउस के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कार्यक्रम की शुरुआत से लेकर समापन तक मौजूद रहे जिलाधिकारी राहुल कुमार पर कवि सुनील जोगी व अन्य कवियों ने कई बार शब्दों के बाण छोड़े। कवियों ने कार्यक्रम के दौरान पुलिस कर्मियों को भी निशाने पर लिया। कार्यक्रम के दौरान कवियों के निशाने पर श्रोता भी रहे।
राजनेता भी रहे निशाने पर
कवि सम्मेलन में राजनीतिक व्यवस्था पर खूब चोट की गई। कांग्रेस के नेता सबसे ज्यादा निशाने पर दिखे। कवि सुनील जोगी ने 'मोदी ने बना ली सरकार रसिया..' प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी तो कवि दिनेश बावरा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर रखा। कवियों ने लालू प्रसाद, शरद पवार व आम आदमी पार्टी पर भी खूब प्रहार किया।
श्रोताओं से बनाए रखा सीधा संवाद
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान कवियों ने अपने शब्दों से श्रोताओं से सीधा संवाद बनाए रखा। इस दौरान श्रोताओं पर भी अपने व्यंग्यबाण चलाकर उन्हें लोटपोट करते रहे। कवियों के व्यंग्यबाण से कोई भी नहीं बचा। चाहे मंच के व्यवस्थापक हों या अधिकारी, हरेक व्यक्ति को कवियों ने अपनी कविता के माध्यम से निशाने पर बनाए रखा।