Fri, 08 Apr 2016
कोर्ट के बार-बार के निर्देश के बाद भी मृत्यु रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराने के मामले में एसीजेएम दस सुभाष चन्द्र शर्मा के न्यायालय ने छपरा डीएम के वेतन निकासी पर रोक लगा दिया है। छपरा के उप समाहर्ता अभिलेखागार की भी वेतन निकासी मांगे गये रजिस्टर को उपलब्ध कराने तक जारी रहेगी।
जानकारी के अनुसार फुलवरिया थाना क्षेत्र के रकवा गांव के प्रभाकर तिवारी की ओर से दाखिल दीवानी वाद में दो नवम्बर 2010 को न्यायालय ने मीरगंज थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव के भजन ओझा की वर्ष 1957 में हुई मृत्यु के संबंध में मृत्यु रजिस्टर उप समाहर्ता अभिलेखागार, छपरा से तलब की गयी थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी अभिलेख प्राप्त नहीं हुआ। आखिरकार न्यायालय ने 20 अक्टूबर 2011 को अभिलेखागार के उप समाहर्ता से इस संबंध में कारण पृच्छा की मांग की। आदेश के बावजूद करीब चार साल की लंबी अवधि बीतने पर भी कारण पृच्छा का जवाब नहीं आया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसीजेएम दस सुभाष चन्द्र शर्मा के न्यायालय ने गत छह जनवरी को छपरा के डीएम से नवम्बर 2010 से अबतक उप समाहर्ता अभिलेखागार, छपरा के पद पर कार्य करने वाले अधिकारियों का पूर्ण ब्यौरा तलब किया। साथ ही 1957 के मृत्यु रजिस्टर को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी छपरा के डीएम ने ना ही सूची उपलब्ध करायी और ना ही मृत्यु रजिस्टर ही कोर्ट को उपलब्ध कराया। इस मामले में आगे की सुनवाई करते हुए एसीजेएम दस के न्यायालय ने छपरा डीएम व अभिलेखागार के उप समाहर्ता के वेतन निकासी पर रोक लगाने का आदेश दिया। न्यायालय ने यह रोक संबंधित रजिस्टर या अभिलेख उपलब्ध कराने तक के लिए लगाया है। साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव बिहार, पटना को पत्र लिखकर ऐसे अधिकारियों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने की अनुशंसा करते हुए इस संबंध में की गयी कार्रवाई की अद्यतन जानकारी न्यायालय को उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है।