बरौली थाने के पूर्व थानेदार को एक आपराधिक मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक आनंद द्विवेदी के कोर्ट ने एसपी को तत्काल गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के कड़े रुख से आरोपित थानेदार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ध्यान रहे कि विकलांग व्यक्ति आलपुर गांव के ध्रुव प्रसाद बरौली थाना क्षेत्र के एनएच-28 के किनारे सोनवरसा गांव में चाय-पकौड़ी-अंडे की दुकान चला कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है.
10 जनवरी, 2002 को बरौली थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी रामनरेश सिंह अपने साथियों के साथ संध्या समय उसकी दुकान पर पहुंचे थे तथा दुकान लगाने के एवज में पांच सौ रुपये की मांग की थी. ध्रुव प्रसाद द्वारा इनकार कर दिये जाने पर उसको बुरी तरह से मारपीट की तथा गल्ले से तीन सौ रुपये निकाल लिये थे एवं दुकान में रखे सामान को नष्ट कर दिया था. इसी मामले में ध्रुव प्रसाद ने न्यायालय में मुकदमा दर्ज कर न्याय की अपील की. इस मामले की सुनवाई प्रतीक आनंद द्विवेदी की अदालत में चल रही है. अदालत द्वारा वारेंट करने के बाद कुर्की जब्ती का भी आदेश दिया गया था, पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.
पिछले 15 वर्षों से आरोपित थानेदार कानून की नजर में धूल झोंक कर फरार चल रहे हैं. इसी मामले को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने मंगलवार को बजाप्ता कोर्ट के डीओ लेटर भेज कर पुलिस कप्तान से उक्त दारोगा की गिरफ्तारी करने अथवा सरेंडर कराने का निर्देश दिया है.