Gopalganj News: फाइलों में गुम हुआ पांच नए प्रखंड बनाने का मामला

Tue, 26 Apr 2016

जिले में पांच नये प्रखंड बनाने का मामला सरकारी फाइलों में गुम हो गयी है। दो साल पूर्व सरकार ने सूबे में नये प्रखंडों के सृजन का निर्णय लिया था। इस निर्णय के आलोक में गोपालगंज जिले में भी पांच नये प्रखंडों के सृजन का प्रस्ताव किया गया था। तब इन नये प्रखंडों का प्रस्ताव आने के बाद सरकार ने जिला प्रशासन से इन संभावित प्रखंडों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी थी। उस समय गोपालगंज प्रखंड के साथ ही बैकुंठपुर प्रखंड को काट कर दो नये प्रखंड बनाए जाने का प्रस्ताव आया था। कुचायकोट सहित बैकुंठपुर प्रखंड का आकार छोटा कर इस इलाके में भी नये प्रखंड बनाने की सहमति बनी थी। पर, नये प्रखंड बनाने का प्रस्ताव आये दो साल भर बीत गए, लेकिन नये प्रखंड बनाने का मामला जस का तस ही पड़ा रह गया।

बताया जाता है कि सरकार के निर्णय के आलोक में दो साल पूर्व बैकुंठपुर प्रखंड को बांटकर दो नये प्रखंडों को बनाने का प्रस्ताव पंचायत समिति ने पारित किया था। इस प्रस्ताव के अनुसार नये प्रखंड का मुख्यालय राजापट्टी कोठी में बनाने को पंचायत समिति ने मंजूरी दी थी। इसके अलावा गोपालगंज प्रखंड को दो भाग में बांटकर जादोपुर में नया प्रखंड बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। तब इस प्रस्ताव को लेकर भी पंचायत समिति की बैठक में पूर्व में ही सहमती बन चुकी थी। इन दोनों प्रखंडों को विभाजित करने के अलावा ग्रामीणों के आवेदन पर मांझा व बरौली प्रखंडों के बीच नवादा चांद में नये प्रखंड को बनाने का प्रस्ताव था। नवादा चांद में प्रस्तावित नये प्रखंड में मांझा तथा बरौली प्रखंड के कुछ पंचायतों को शामिल करने की योजना थी। इसके अलावा कुचायकोट व उंचकागांव प्रखंड के बीच दहीभाता में नये प्रखंड के सृजन करने की पहल की गयी थी। इस प्रखंड में कुचायकोट प्रखंड के अधिक पंचायतों तथा दो या तीन उंचकागांव प्रखंड के पंचायतों को लेने की बात कही गयी थी। इसके साथ ही पंचदेवरी प्रखंड के सेमरिया में भी नये प्रखंड का प्रस्ताव था। जिसमें कुचायकोट प्रखंड के पंचायतों को शामिल करने की बात कही गयी थी। हालांकि सेमरिया में नये प्रखंड बनाने के प्रस्ताव पर तब जिला प्रशासन सहमत नहीं था। लेकिन अन्य स्थानों पर संभावित नये प्रखंडों को लेकर सहमती बन गयी थी। तत्कालीन उपविकास आयुक्त मोहम्मद सलाहुद्दीन खां ने तब कहा था कि विभागीय स्तर पर जिले में पांच नये प्रखंडों को लेकर प्रस्ताव के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। इस संबंध में तमाम बिन्दुओं जांच पड़ताल की जा रही है। लेकिन दो साल बीत गए और जिले में पांच नये प्रखंड बनाने का मामला जांच पड़ताल से आगे नहीं बढ़ सका। अब तो नये प्रखंड बनाने का प्रस्ताव सरकारी फाइलों में गुम हो गयी है। नये प्रखंड बनाने के प्रस्ताव से संबंधित मामला कहां तक पहुंचा है, इस बात की जानकारी भी विभागीय पदाधिकारियों को नहीं है। शायद नये प्रखंड बनाने का मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है। विदित हो कि जिले का कुचायकोट प्रखंड सबसे बड़ा प्रखंड है। यहां कुल 31 पंचायतें हैं। इस प्रखंड को तीन भाग में विभाजित करने की मांग पूर्व से ही उठती रही है।

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