जिला परिषद अध्यक्ष के पति को आजीवन कारावास

करीब दो दशक पूर्व नलकूप अपरेटर सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या किये जाने की घटना में संलिप्त जिला परिषद अध्यक्ष चंदा सिंह के पति विजय सिंह तथा संजय सिंह को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमर ज्योति श्रीवास्तव के न्यायालय ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

जानकारी के अनुसार 21 सितम्बर 1994 को विजयीपुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव के चन्द्रशेखर गुप्ता, अपने भाई सुभाष प्रसाद गुप्ता तथा भतीजा भोला गुप्ता के साथ कहीं जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में विजयीपुर थाना क्षेत्र के योगी बाबा स्थान के समीप उनपर हथियारों से लैस कुछ लोगों ने गोली चलानी शुरु कर दी। इस घटना में रास्ते से होकर गुजर रहे नलकूप आपरेटर रघुवंश सिंह के अलावा सुभाष प्रसाद गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि चन्द्रशेखर गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गये। घायल चन्द्रशेखर गुप्ता के बयान पर घटना की विजयीपुर थाने में कांड संख्या 74/94 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। जिसमें इसी थाना क्षेत्र के सरुपाई टोला खापे गांव के विजय सिंह तथा संजय सिंह सहित कई लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इस आपराधिक मामले में आरोप पत्र आने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरु की गयी। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किये गये साक्ष्य के अलोक में एडीजे प्रथम अमर ज्योति श्रीवास्तव के न्यायालय ने विजय सिंह तथा संजय सिंह को दिसम्बर माह में ही दोषी करार दिया था। शनिवार को सजा पर सुनवाई की निर्धारित तिथि को कांड के आरोपी विजय सिंह को मोतिहारी कारा तथा संजय सिंह को चनावे स्थित कारा से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने इन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में बचाव पक्ष से रवीन्द्र सिंह ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।

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