व्यवस्था तो बनी थी कि नये वर्ष में सरकारी कार्यालयों में अपने काम से आने वाले लोगों को सम्मान मिले। लेकिन संसाधन व आधारभूत सुविधाओं के अभाव में नई व्यवस्था कारगर तरीके से लागू नहीं हो पा रहा है। कर्मियों के व्यवहार में कुछ परिवर्तन तो है, लेकिन संसाधन की कमी कर्मियों को भी खटक रही है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कार्यालयों में आने वाले लोगों के साथ कुछ कर्मियों द्वारा सभ्य तरीके से पेश नहीं आने की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने लोक संवेदना अभियान कार्यक्रम शुरु करने का निर्णय लिया था। इसके तहत दिसम्बर माह में ही कर्मियों को बकायदा प्रशिक्षित किया गया। इतना हीं नहीं तमाम कार्यालयों में आगंतुक के बैठने के लिए कुर्सी उपलब्ध कराने के साथ ही उनके लिए शुद्ध पानी तक की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिये गये। सरकार ने लोक संवेदना अभियान को कड़ाई से लागू करने के लिए दिशानिर्देश दिया था। लेकिन नई व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू करने में असली समस्या आधारभूत संरचना का अभाव है।
क्या था अभियान उद्देश्य
सरकार द्वारा लोक संवेदना अभियान चलाने के प्रति असली उद्देश्य सरकारी कर्मियों के व्यवहार में संवेदनशीलता लाना रहा है। ताकि वे आम लोगों के मद में भी अपने प्रति सम्मान पैदा कर सकें। साथ ही सरकार ने सरकारी कार्यालयों में आने वाले आगंतुकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करने के लिए भी निर्देश दिया है। इसके तहत आगंतुक के बैठने को कुर्सी व पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी हरेक कार्यालय में होगी।
कार्यालयों में दी जानी थी ये सुविधाएं
* मे आई हेल्प यू सेंटर की स्थापना।
* कर्मी लगाएंगे अपने नाम का बैच।
* शिकायत निवारण को होगी व्यवस्था।
* प्रत्येक कार्यालय में लगे शिकायत पेटिका।
* सदाचरण के लिए प्रधान सहायक होंगे जिम्मेदार।
* कार्यालयों में रहेगी पर्याप्त साफ सफाई।
* प्रत्येक कार्यालय में लगेंगे सूचना पट्ट।
* पुरुष व महिलाओं के लिए होंगे अलग शौचालय।
* हर आगंतुक को मिलेगी बैठने की जगह।
* पीने को मिलेगा स्वच्छ पानी।
* कार्यालयों में रहेगी बिजली की सुविधा।
* दलाल व बिचौलियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीभी की स्थापना।
इन कार्यालयों में होनी थी नई व्यवस्था
* जिलाधिकारी कार्यालय।
* एसपी कार्यालय।
* डीडीसी कार्यालय।
* एसडीओ कार्यालय।
* प्रखंड कार्यालय।
* अंचल कार्यालय।
* जिला परिवहन कार्यालय।
* जिला कोषागार कार्यालय।
* जिला कृषि कार्यालय।
* जिला निबंधन कार्यालय।
* जिला पंचायत कार्यालय।
* जिला योजना व विकास कार्यालय।
* जन शिकायत कार्यालय।
* नगर परिषद कार्यालय।
* जिला विद्युत कार्यालय।
नहीं दिखती सुविधाएं
सरकार के निर्देश पर इस अभियान की शुरुआत तो पहली जनवरी से ही कर दी गयी। लेकिन कार्यालयों में संसाधन का अभाव अब भी जारी है। संसाधन के अभाव में पुराने ढर्रे पर कार्यालयों में काम होता है। आलम यह कि कई कार्यालयों में कर्मियों के बैठने तक के लिए सुविधाएं नहीं है। ऐसे में आगन्तुक के बैठने व शौचालय के साथ ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना इनके लिए बड़ी समस्या है।