सुंदरता दिखी नहीं और खर्च हो गए 36 लाख

ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी सुंदरता कहीं दिख नहीं रही है। हद तो यह कि इस स्थल पर तालाब निर्माण से लेकर गेट व शौचालय के निर्माण के नाम पर 36.41 लाख की राशि ही खर्च की जा चुकी है। यह बात अलग है कि मंदिर परिसर में दुकानदारों द्वारा किए गए कब्जे के कारण दुकानों के निर्माण का कार्य अधूरा है।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर परिसर में 84.84 लाख रुपये की लागत से तालाब निर्माण कार्य से लेकर मंदिर के समीप भव्य गेट का निर्माण, शौचालय तथा दुकानों का निर्माण कार्य कराने की योजना बनी थी। पर्यटन विभाग ने इस योजना के लिए राशि भी विमुक्त कर दिया था। एकरारनामा के अनुसार कार्य जुलाई 2011 तक पूर्ण कर लिया जाना था। इस कार्य को कराने के लिए कार्य एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग एक को बनाया गया। कार्य पूर्ण करने की अवधि समाप्त हुए करीब डेढ़ साल की अवधि पूर्ण हो गयी है। इस राशि में से 36.41 लाख की राशि व्यय किये जाने के बाद भी थावे दुर्गा मंदिर परिसर में कहीं भी सुंदरता दिख नहीं रही है। हद तो यह कि गेट का निर्माण कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ है और तालाब के चारों ओर प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं हुआ है। बावजूद इसके 36 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा सकी है।

नहीं खाली हुई जमीन

ग्रामीण कार्य विभाग वन के सूत्रों ने बताया कि मंदिर परिसर में दुकानों के निर्माण के लिए पूर्व से दुकानदारों द्वारा किये गये दुकानों को खाली कराया जाना था। लेकिन करीब दो साल में जमीन को खाली करा पाने में विभाग विफल रहा है।

प्रगति प्रतिवेदन से हुआ खुलासा

मंदिर परिसर में सुंदरता को बढ़ाने के लिए 84 लाख की कुल राशि में से 36 लाख रुपये खर्च होने तथा इसके भी कोई कार्य पूर्ण नहीं होने का खुलासा ग्रामीण कार्य विभाग एक के कार्यपालक अभियंता के प्रगति प्रतिवेदन से हुआ है।

Ads:






Ads Enquiry