सीआरएस ने किया निरीक्षण 125 किमी की स्पीड से दौड़ी ट्रेन

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का ड्रीम प्रोजेक्ट अब पंचदेवरी में अपने लक्ष्य के काफी करीब है. यहां के लोगों का वह सपना अब साकार होता नजर आ रहा है. शुक्रवार को नवनिर्मित  बथुआ-पंचदेवरी रेलवे लाइन की जांच रेलवे के पदाधिकारियों द्वारा की गयी तथा सीआरएस स्पेशल ट्रेन दौड़ायी गयी. ट्रैक फिटनेस की जांच के क्रम में सीआरएस एसके पांडेय,डिप्टी सीआरएस वीएस यादव,डीआरएम एसके झा,सीओसी एलएम झा,वैभव कुमार सहित रेलवे के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा मोटर-ट्रॉली से बथुआ से पंचदेवरी तक ट्रैक का निरीक्षण किया गया. सिग्नल सूचकों, पुल-पुलिया एवं रेलवे फाटकों सहित ट्रैक के सभी खंडों की जांच पदाधिकारियों द्वारा की गयी.
उसके बाद हाई स्पीड ट्रायल लेते हुए अधिकतम गति से रेलवे लाइन पर ट्रेन दौड़ायी गयी. डिप्टी सीआरएस ने बताया कि ट्रायल के बाद जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपी जायेगी. उसके बाद यहां से ट्रेन शुरू होने की तिथि निर्धारित की जायेगी.उन्होंने बताया कि ट्रायल का कार्य भी अंतिम दौर में है. अब शीघ्र ही फुलवरिया-हाजीपुर पैसेंजर ट्रेन पंचदेवरी तक जायेगी. इधर,स्पेशल ट्रेन दौड़ाये जाने के बाद ग्रामीणों ने काफी खुशी है. बता दें कि जुलाई, 2005 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने रेल मंत्रित्व काल में हथुआ-भटनी रेलखंड का उदघाटन किया था. पंचदेवरी तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया है. 
भगवानपुर में रेलवे हॉल्ट की मांग : ट्रैक निरीक्षण के क्रम में भगवानपुर के ग्रामीणों ने मुखिया मृत्युंजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में पदाधिकारियों का घेराव कर वहां रेलवे हॉल्ट बनवाने की मांग की. ग्रामीणों का कहना था कि यदि यहां हॉल्ट नहीं बनवाया गया,तो आंदोलन किया जायेगा. रेल विभाग के पदाधिकारियों ने इस संबंध में वरीय पदाधिकारियों से बात करने का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया.
इसके पूर्व विशेष गाड़ी से पहुंचे डीआरएम ने हथुआ से फुलवरिया के बीच पूर्व से तैयार खंड पर मौजूद रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकारी प्राप्त की। डीआरएम के निरीक्षण के दौरान जनता बाजार रेलवे स्टेशन के समीप मगहां व सवनही गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को रेलवे द्वारा बंद कर किए जाने को लेकर ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। इसके पूर्व डीआरएम के आने को लेकर उग्र ग्रामीणों ने शुक्रवार को मगहां व सनवहीं गांव को जोड़ने वाली सड़क को बंद किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लंबे समय से यह सड़क दोनों गांवों को आपस में जोड़ने के लिए एकमात्र साधन था। जिसे रेलवे ने अचानक बंद कर दिया है। जिससे ग्रामीणों को पांच किलोमीटर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों की बातों को सुनने के बाद डीआरएम ने उनकी शिकायत पर विमर्श करने का आश्वासन दिया।

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