निर्माण कार्यों पर बालू ने ग्रहण लगा दिया है. बालू के अभाव में काम बंद होने लगा है. पूरे जिले में 10 दिनों से बालू की खेप नहीं आ रही है. प्रधान सचिव के रूप में केके पाठक के योगदान करने के साथ ही अवैध तरीके से बालू खनन पर रोक लगते ही बालू संकट पूरे जिले में मंडराने लगा है. बालू के अभाव में सरकारी और गैर सरकारी भवन, पीसीसी सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण भी प्रभावित होने लगा है. जानकार सूत्रों ने बताया कि गोपालगंज जिले में प्रतिदिन 340 से 560 ट्रक बालू की खपत होती रही है.
बालू की सप्लाइ सारण के डोरीगंज, दिघवारा, सोनपुर तथा आरा से हो रही थी. अवैध उत्खनन पर शिकंजा कसते ही गोपालगंज में भी बालू नहीं आ रहा है. नतीजा है कि सरकार की योजनाओं के अलावा लोगों के मकान बनाने पर भी संकट उत्पन्न हो गया है. बालू ने पहली बार निर्माण कार्य को ठप करा दिया है. 18 हजार रुपये प्रति ट्रक बिकनेवाला बालू इन दिनों कालाबाजारी में 40 हजार रुपये में बिक रहा है. बालू के इस कारोबार में लगे कई लोग भूमिगत हो चुके हैं.
जब्त हो चुका है 46 ट्रक बालू : पिछले एक सप्ताह प्रशासन ने बालू के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसा है. खनन विभाग की तरफ से लगातार निगरानी की जा रही है. प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी परमानंद साह के नेतृत्व में छापेमारी कर 46 ट्रक अवैध बालू को जब्त किया गया है. इससे अवैध बालू लेकर आनेवाले ट्रकचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. एक ट्रक बालू पकड़े जाने पर लगभग 25 हजार रुपये से अधिक की फाइन है. ऊपर से मुकदमा भी लड़ना पड़ेगा.
बालू माफियाओं पर प्रशासन का शिकंजा कसने के बाद जिले में 10 दिनों से बालू नहीं आ रहा है. इसी वजह से बालू सोने के भाव बिक रहा है़ 66 रुपये फुट बालू महंगा हो गया है़
बालू आभाव के कारण सरकारी निर्माण ठप
पुलिस ने गंडक नदी के तट पर छापेमारी कर बालू उत्खनन मामले में चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में बताया गया है कि गंडक नदी के तट पर कुछ लोग अवैध रूप से बालू निकाल रहे थे. इसको लेकर सारण जिले के मढ़ौरा थाने के मासहा गांव के मिंटू कुमार महतो, बटरेवा थाने के नगही गांव के विनोद मौर्या, यूपी के कुशीनगर जिले के सेवरही थाने के मठिया मलतीयार के राजू यादव और तरेया सुजान थाने के मझरिया गांव के अंकित राय को आरोपित बनाया गया है.
शौचालय निर्माण पर ब्रेक : बैकुंठपुर. प्रखंड क्षेत्र की 22 पंचायतों में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण की गति इन दिनों धीमी पड़ गयी है. जीएसटी के पेच के साथ बालू की किल्लत से शौचालय निर्माण कार्य पर ग्रहण लग गया है. बालू के अभाव में आगे का काम नहीं हो रहा है.