Tue, 10 May 2016
सरकारी स्तर पर निजी विद्यालयों तथा निजी कोचिंग संस्थानों पर नकेल के लिए प्रयास तो शुरू किये गए, लेकिन यहां यह नकेल दिखावा बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि आजतक जिले में एक भी कोचिंग संस्थान का निबंधन नहीं हो सका है। इसके लिए कोचिंग संस्थानों के प्रबंधकों से अधिक जिम्मेदार शिक्षा विभाग है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के निर्देश पर जिले में कोचिंग संस्थानों का निबंधन कराने की कार्रवाई वर्ष 2011 में शुरू की गयी थी। करीब पांच साल की लंबी अवधि बीतने के बाद भी किसी भी कोचिंग सेंटर का निबंधन नहीं होना शिक्षा विभाग की विफलता को दर्शाती है। इस स्थिति के लिए कोचिंग संस्थानों के संचालकों से कहीं अधिक जिम्मेदार शिक्षा विभाग भी है। गैर आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पूरे जिले में वर्तमान समय में दो सौ से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित किये जाते हैं। ये कोचिंग सेंटर कहीं एक कमरे में संचालित हैं, तो कहीं दो कमरे में। कोचिंग के नाम पर छात्रों से प्रति वर्ष मोटी फीस की वसूली भी की जाती है। लेकिन किसी भी कोचिंग सेंटर में मानक के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
अबतक आए 40 आवेदन
सरकार द्वारा नकेल कसे जाने के बाद जिले में संचालित कोचिंग सेंटरों का निबंधन कराने के लिए आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की गयी। प्रक्रिया की शुरुआत में ही 40 कोचिंग संचालकों ने निबंधन के लिए निर्धारित पांच-पांच हजार रुपये शुल्क के साथ राशि भी जमा किया। लेकिन आजतक इन सेंटरों के निबंधन की प्रक्रिया शिक्षा कार्यालय की संचिकाओं में ही उलझी हुई है।
संचालक हो रहे मालामाल
कोचिंग सेंटरों के निबंधन का मामला शिक्षा विभाग में अंटके होने का फायदा सीधे कोचिंग संचालकों को हो रहा है। इनपर किसी भी तरह की लगाम नहीं लगने के कारण संचालक मालामाल हो रहे हैं। कोचिंग सेंटरों के निबंधन का पेंच दो साल से उलझा होने के कारण हरेक कोचिंग सेंटर पर मनमाना पैसा वसूली का खेल चल रहा है।
दबाव बना तो बंद हो जाएंगे कई सेंटर
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि कोचिंग सेंटरों के निबंधन के लिए सरकारी स्तर पर कई मापदंड निर्धारित किये गये हैं। इन मापदंडों में कोचिंग सेंटर में स्थान से लेकर भवन की स्थिति व शौचालय आदि की व्यवस्था शामिल है। बताते हैं कि अगर मानक के हिसाब से कार्य हो तो जिले में संचालित कई कोचिंग सेंटर मानक पर खरे नहीं उतर सकेंगे। ऐसे में दर्जनों कोचिंग सेंटर बंद हो जाएंगे।