Gopalganj News: थावे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में कई छेद

Tue, 12 Apr 2016

नवरात्र के समय में ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगता है। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए हमेशा यहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध की बातें की जाती हैं। बावजूद इसके मंदिर परिसर से लेकर करीब तीन किलोमीटर क्षेत्र में फैले मेला परिसर तक सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है। मंदिर के प्रवेश व निकास द्वार के अलावा मुख्य पथ को छोड़ अन्य इलाके में जवान शायद ही कहीं नजर आयें। प्रशासन की नजर भी सुरक्षा पर कम तथा ट्रैफिक कंट्रोल पर अधिक होती है। ऐसे में आये दिन यहां छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं।

देश के विभिन्न इलाकों में मंदिरों में हादसे इस मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की बातें होती रही हैं। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर बैठकों का आयोजन कर सुरक्षा बढ़ाने पर चर्चाओं तक ही यह बात सिमट जाती है। हालत यह है कि नवरात्र के दौरान मंदिर में लोगों की भारी भीड़ जमा होने के बाद भी प्रशासन ने इस दिशा में कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किया है। तमाम प्रशासनिक सुरक्षा मंदिर के दोनों गेट तथा क्लोज सर्किट कैमरों को लगाने तक ही सिमट कर रह गयी है। मंदिर परिसर से लेकर करीब तीन किलोमीटर की दूरी में फैले मंदिर के मेला परिसर में कोई भी सुरक्षा नहीं है। यहीं स्थिति दो ओर से जंगल से घिरे इलाके की भी है। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तो प्रति वर्ष होती है लेकिन मंदिर के आसपास के इलाकों की सुरक्षा को प्रति वर्ष नजरअंदाज किया जाता है।

बंद रहते हैं कई कैमरे

सुरक्षा के लिहाज से मंदिर के गर्भगृह से लेकर प्रवेश व निकास द्वार तथा मंदिर के पूर्व व उत्तर दिशा में निगरानी के लिए कुल 12 क्लोज सर्किट कैमरे लगाये गये हैं। लेकिन इनमें से कई कैमरे हमेशा खराब ही रहते हैं। इन कैमरों को दुरुस्त करने की कवायद नहीं की गयी है।

यहां नहीं दिखती सुरक्षा

* मंदिर के गर्भ गृह।

* मंदिर का प्रांगण।

* दो ओर से घिरे जंगल वाले इलाके।

* प्रखंड कार्यालय से आने वाले मार्ग पर।

* दो किलोमीटर में फैले मेला इलाके में।

* मंदिर के पूर्वी इलाके में स्थित तालाब।

* रहसू मानस मंदिर परिसर में।

कहते हैं एसडीओ

थावे दुर्गा मंदिर परिसर में सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं। मंदिर के गेट व मंदिर परिसर में जवानों की तैनाती की गयी है। यहां सप्तमी से भीड़ और बढ़ जाती है। ऐसे में सप्तमी से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किये गये हैं।

मृत्युंजय कुमार

एसडीओ सदर

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