गर्म हवाओं के थपेड़ो के बीच यहां की शीतलता सुकून का एहसास करा गयी। दोपहर के 11.30 बजे थे। सदर अस्पताल परिसर में पूर्वी छोर पर बनाए गए नशामुक्ति केंद्र के वार्ड में पहुंचते ही एक बेड पर एक व्यक्ति लेटे हुए मिले। शराब के आदी हो चुके इस व्यक्ति को इनके परिजनों ने नशे की लत छुड़ाने के लिए आज ही यहां भर्ती कराया था। दस बेड के इस नशा मुक्ति केंद्र के वार्ड में दो लोग भर्ती मिले और यहां लगा एक एसी चल रहा था। वार्ड की दीवार पर एक बड़े स्क्रीन का टीवी भी लगा हुआ दिखा। हालंाकि टीवी बंद था और बेड पर चादरें भी नहीं दिखी। लेकिन साफ सुधरा वार्ड और यहां भर्ती लोगों की देखभाल के लिए तैनात दो चिकित्सक और एएनएम, यह एहसास करा रहा था कि नशा मुक्ति केंद्र लड़खड़ाते कदमों के लिए सहारा बन गया है।
बीते एक अप्रैल से नई उत्पाद नीति लागू होने के एक दिन पहले सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया। नशा मुक्ति खुलने के बाद छह दिन में ही यहां शराब के आदी 70 लोगों को भर्ती कर इलाज किया जा चुका है। इनमें एक दो लोग ही ऐसे थे जो सड़क पर शराब के नशे में घूमते हुए पकड़े गए थे। बाकि लोगों को उनके परिजनों ने ही यहां उनकी नशे की लत छुड़ाने के लिए भर्ती कराया था। यहां तैनात चिकित्सक डा. एसपी राय ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में एसी से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वे कहते हैं कि यहां शराब की लत छुड़ाने के लिए भर्ती होने वाले अधिकांश लोगों को उपचार के बाद घर भेज दिया जा रहा है। ताकि वह अपने परिवार के साथ पारिवारिक माहौल में रहें। उन्होंने बताया कि जो पूरी तरह से एल्कोहलिक हो चुके हैं, उनको यहां भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।