Thu, 21 Apr 2016
लगन के मौसम में खुदरा की मार झेल रहे लोगों को नया नोट लेना भी कठिनाईयों से भरा कार्य हो गया है। बैंकों से तो नया नोट मिलता नहीं और बाजार में पांच, दस, बीस व पचास रुपयों के नोट मनमाने दाम पर मिल रहे हैं।
जिला मुख्यालय में नये नोटों का अपना बाजार है। पुराने अथवा एक हजार या पांच सौ रुपये के नोटों के बदले नये नोट लेने पर अधिक पैसा जमा करना पड़ता है। वैसे बैंकों से भी नये नोटों को प्राप्त किये जाने का प्रावधान है। लेकिन सच्चाई यह है कि जिले में बैंकों में पांच, दस या बीस रुपये के नये नोट नहीं मिलते हैं। ऐसे में लगन के मौसम में नये नोटों की तलाश में लोग कचहरी परिसर में आते हैं। यहां पांच रुपये के सौ नोट छह सौ रुपये में तथा दस रुपये के सौ नोट 1060 रुपये में उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं बीस के नोटों की गड्डी लेने में लोगों को 2050 से 2060 रुपये तक जमा करने पड़ते हैं। यहीं हाल पचास रुपये के भी नये नोटों को लेने में भी होती है। सूत्रों का कहना है कि अधिकांश लोगों को बैंकों से नये नोट पाने के बारे में सही जानकारी नहीं होती है। कुछ लोग इस कार्य के लिए बैंकों में पहुंच भी जाते हैं तो उन्हें नये नोट बैंकों की मनमानी के कारण नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में बैंकों से पैसा नहीं मिल पाने की स्थिति में आम लोग नोटों की गड्डी बेंचने वाले लोगों को हत्थे चढ़ जाते हैं।