प्रखंड के मीरा टोला में लगा राजकीय नलकूप अब तक किसानों के काम नहीं आ सका। करीब बीस लाख की लागत से बने इस स्टेट ट्यूबवेल से अबतक एक बूंद भी पानी नहीं निकल सका है। किसान अपने खेतों की सिंचाई भाड़े के पंपसेट के सहारे करने को विवश हैं।
मीरा टोला व आसपास के गांव के किसानों को इस बात को मलाल है कि सरकारी नलकूप रहने के बाद भी उन्हें निजी पंपसेट से खेतों की सिंचाई करनी पड़ती है। आसपास के किसानों का कहना था काफी प्रयास के बाद गांव में ट्यूबवेल की व्यवस्था की है। लेकिन इससे आज तक पानी नहीं निकला। किसान कहते हैं कि मीरा टोला, खजुहटी, सिंहासिनी, गंधुआ, कतालपुर आदि गांवों के आसपास से नहर भी नहीं गुजरती ताकि किसानों को सिंचाई का फायदा मिल सके। इसी समस्या को देखते हुए किसानों ने बोरिंग की मांग की थी। लेकिन ट्यूबवेल लगने के बाद भी उन्हें सिंचाई के लिए निजी पंप सेट पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।