संसाधन के अभाव में कंप्यूटर शिक्षा केन्द्र बंद

जिला मुख्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को डिप्लोमा आफ कंप्यूटर (डीसीए) की डिग्री दिलाने के लिए नगर के वीएम इंटर कालेज केन्द्र पर स्थापित जिला कंप्यूटर सोसायटी व्यवस्था की पेंच में फंस गया है। इसे सुधारने के दिशा में कोई भी समुचित प्रयास नहीं किया गया। यही कारण रहा कि इस केन्द्र में लाखों रुपये की लागत से लगाये गये 50 में से 40 कंप्यूटर सेट एक के बाद एक कर खराब होते गये और आज यह केन्द्र बंद हो गया है।

करीब आठ साल पूर्व लाखों रुपये की लागत से नगर के वीएम इंटर कालेज के प्रांगण में जिला कंप्यूटर केन्द्र सोसायटी की स्थापना की गयी थी। तब वीएम इंटर कालेज के प्राचार्य इसके सचिव बनाया गया। शुरुआत में इस केन्द्र पर छात्रों की भीड़ लगी रहती थी। लेकिन समय के साथ कंप्यूटरों के खराब होने के कारण यहां की व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती चली गयी। स्थिति यह हुई कि यहां काम करने वाले शिक्षकों को वेतन मिलना बंद हो गया। ऐसे में केन्द्र महीनों बंद रहा। बंद पड़े इस सेंटर को दोबारा प्रारंभ करने का प्रयास किया गया। जैसे तैसे पचास में से बीस कंप्यूटरों को जैसे-तैसे चालू कराया। यहां शिक्षिका की भी तैनाती की गयी। जनवरी 2012 में जब इस केन्द्र को शुरू किया गया तब छात्रों की कमी से केन्द्र जूझने लगा। स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि कम आय होने के कारण यहां तैनात शिक्षिका को वेतन मिलना बंद हो गया और फिर ठीक कराये गये सेट खराब हो गये। आज भी इस केन्द्र पर लगाये गये 50 में से 40 कंप्यूटर सेट खराब पड़े हैं। शेष दस कंप्यूटर जैसे-तैसे संचालित होते रहे हैं। लेकिन व्यवस्था के पेंच में फंसे यह सेंटर अचानक बंद हो गया।

व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद शुरु

केन्द्र को सुचारू तरीके से संचालित करने के लिए जेनरेटर सहित अन्य संसाधनों के लिए 6,97,000 रुपये की लागत आनी है। जिला नवचार निधि के माध्यम से इस सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद प्रारंभ की गयी है। बावजूद इसके इस केन्द्र का संचालन दोबारा कब से शुरु होगा, यह बता पाने में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं।

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