प्रखंड के सामुदायिक अस्पताल से लेकर फुलवरिया रेफरल अस्पताल तथा हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल तक पागल कुत्ता व बंदर द्वारा काटे जाने पर लगायी जाने वाली एंटी रैबीज का इंजेक्शन पिछले छह माह से गायब है। जिससे पीड़ित सरकारी अस्पताल में जाने के बाद खाली हाथ लौटने के विवश हैं। सरकारी अस्पतालों से एंटी रेबीज गायब होने के कारण निजी दवा दुकानों में इसकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. रामलखन प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दवाइयां उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। ऐसे में एंटी रेबीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।