बाढ़ नियत्रंण विभाग की लापरवाही से टूटा तटबंध : सांसद

जिले में तटबंध बाढ़ नियंत्रण विभाग की लापरवाही से टूटा। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण में सरकार को गुमराह करके रखा तथा सही जानकारी सरकार को उपलब्ध नहीं कराया। जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाने को विवश होना पड़ा। तटबंध पूरी तरह से जर्जर स्थिति में था। लेकिन बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने इसकी सही जानकारी सरकार को नहीं दी। सांसद जनक राम तथा विधायक मिथिलेश तिवारी रविवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
सांसद ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बांध टूटने के बाद बाढ़ नियत्रंण विभाग के अधिकारियों ने अपनी फोन को बंद कर दिया और फरार हो गए। उन्होंने बाढ़ के कारण हुई करीब 19 लोगों की मौत के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने तटबंध के पक्कीकरण के लिए बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगा था। लेकिन बिहार सरकार के पूर्व बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रभारी ने सरकार को समय से रिपोर्ट नहीं सौंपी। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा कि अगले साल बांध का पक्कीकारण करने के दिशा में कार्य किया जाएगा। ताकि बांध टूटने से बच सके। उन्होने कहा कि अबतक 19 लोगों की बाढ़ का पानी आने के कारण मौत हुई है। जिसमें चार लोगों को सरकार के द्वारा मुआवजा की राशि दी गई है। बाकि अन्य मृतकों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उनके परिजनों को मुआवजा की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद सिंह ने बताया कि करीब एल लाख छत्तीस हजार फूड पैकेट भाजपा ने अबतक बाढ़ प्रभावित इलाके में वितरित किया है। प्रेस वार्ता में मंटू गिरी,दीपक कुमार दीपू तथा अनूप श्रीवास्तव सहित कई भाजपा नेता मौजूद थे।

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