फर्जीवाड़ा कर येन-केन प्रकारेण शिक्षक नियोजन में शिक्षक बननेवाले गुरुजी के लिए यह बुरी खबर है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग से लेकर जिला प्रशासन इस मामले में गंभीर हो गया है. डीएम राहुल कुमार ने डीइओ को तत्काल प्रभाव से फर्जीवाड़े में शामिल शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा नियोजन इकाइयों को चिह्नित कर संबंधित पदाधिकारियों को प्रशासनिक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. डीएम के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है.
हाइकोर्ट के निर्णय के बाद जिले के 155 से अधिक शिक्षकों और दो दर्जन से अधिक नियोजन इकाइयों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. विभाग सख्ती से पूरे मामले को खंगालने में जुटा है.
क्या है हाइकोर्ट का आदेश
विभागीय सूत्रों ने बताया कि पटना हाइकोर्ट ने सीडब्ल्यूजेसी संख्या- 9428 में सुनवाई कर 15 फरवरी, 2017 के आदेश पारित किया है. हाइकोर्ट के कड़े रुख को देख शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने आदेश की कॉपी भेजते हुए डीएम को निर्देशित किया है कि फर्जीवाड़ा कर अभ्यर्थियों के द्वारा नियोजन इकाइयों को प्रभाव में लेकर शिक्षक बनने में सफलता हासिल की है. इस दौरान उन्हें नियोजन इकाइयों और संबंधित प्राधिकार द्वारा भी कपटपूर्ण नियोजन में सहयोग किया गया है.
ऐसे मामलों को चिह्नित कर तत्काल प्रभाव से उनके नियोजन को समाप्त कर प्राथमिकी दर्ज करें एवं उनकी नियोजन में सहयोग करनेवाले अधिकारियों पर भी त्वरित कार्रवाई करें.
विवादों में रहा है प्राधिकार का आदेश : विभागीय सूत्रों की मानें, तो साथ ही प्राधिकार के आदेश को लेकर भी अब विभाग मंथन करने में जुटा है. गोपालगंज में भी अपीलीय प्राधिकार के द्वारा सैकड़ों अभ्यर्थियों को बिना स्कूलों की रिक्ति के नियोजन का आदेश दिया गया, जिसमें 165 शिक्षकों को नियोजन इकाइयों ने योगदान भी करा लिया, जबकि प्राधिकार का आदेश लेकर अब भी 68 से अधिक अभ्यर्थी नियोजन की आस में भटक रहे हैं. जब इसका खुलासा प्रभात खबर ने किया तो इन शिक्षकों को विभाग ने भुगतान देने में हाथ खड़ा करते हुए पत्र लिख कर पूरी स्थिति से अवगत कराया था.
नियोजन की जांच में जुटा विभाग
डीपीओ स्थापना संजय कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. संदिग्ध लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है. जांच में जो भी पाये जायेंगे उन पर कार्रवाई तय है. फर्जीवाड़े में शामिल कोई भी शिक्षक या नियोजन इकाई के अधिकारी नहीं बचेंगे.