Fri, 10 Jun 2016
सदर अस्पताल में मरीजों की जांच की व्यवस्था सटीक नजर नहीं आती है। यहां आने वाले मरीजों को रक्त की जांच से लेकर एक्सरे के लिए जहां-तहां भटकने को विवश होना पड़ता है। बावजूद इसके अस्पताल की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है।
सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती रही है। इन्हीं दावों में शामिल है अस्पताल के ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में दवाओं की उपलब्धता तथा प्रत्येक मरीज की जांच का बेहतर इंतजाम। लेकिन सदर अस्पताल में आने के बाद इस व्यवस्था की कलई खुल जाती है। अस्पताल में प्रवेश के बाद मरीज जांच की व्यवस्था के लिए भटकते नजर आते हैं। अस्पताल के मुख्य गेट के ठीक सामने से एक्स-रे सेंटर। इस सेंटर पर मरीजों को सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन पैथोलाजी जांच की व्यवस्था यहां बेहतर नजर नहीं आती। इसी प्रकार अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था यहां नगण्य नजर आती है। ऐसे में मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी सेंटरों पर जाने को विवश होना पड़ता है।
पैथोलाजी से मरीजों को शिकायत
सदर अस्पताल में पैथोलाजी की व्यवस्था की गयी है। लेकिन यह सेंटर निर्धारित समय पर ही खुलता है। ऐसे में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को जांच के लिए दर-दर भटकने को विवश होना पड़ता है। मरीजों को यहां की सुस्त व्यवस्था से शिकायत भी है। बावजूद इसके पैथोलाजी सेंटर चौबीसों घंटे काम करने की व्यवस्था अबतक नहीं की गयी।
नहीं मिलता कई ग्रुप का ब्लड
कहने को तो सदर अस्पताल में ब्लड बैंक स्थापित है। लेकिन त्रासदी इस बात की है कि यहां कई ग्रुप का ब्लड मरीजों को नहीं मिल पाता। आलम यह कि यहां जिस ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है उसकी भी मात्रा काफी कम है। ब्लड बैंक में रक्त रखे जाने की क्षमता का अभाव नहीं है। बावजूद इसके क्षमता के अनुरूप यहां रक्त भी भी उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में मरीज रक्त की जरुरत पड़ने पर जहां-तहां भटकने को विवश होते हैं।