उचकागांव थाना क्षेत्र के पिपराही गांव स्थिति अपनी ससुराल में रह रही पत्नी से मिलने के लिए जब मंगलवार की रात अपने घर से निकलने के लिए मिंटू सिंह तैयार हो रहा था तब उसकी मां कुंती देवी ने उसे रात में घर से निकलने से काफी रोका था। मां मिंटू सिंह के घर से रवाना होने तक उसे रोकती रहीं। लेकिन वह बुधवार की सुबह वापस घर आने की बात कह अपनी ससुराल पिपराही गांव निवासी मोहम्मद सोनू के साथ बाइक पर सवार होकर घर से निकल गया। शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था। बुधवार की सुबह घर वापस आने की बात कर निकले मिंटू सिंह को अपराधियों ने इस दुनिया से ही विदा कर दिया। अपराधियों की गोली का शिकार होने के बाद मिंटू सिंह का शव सदर अस्पताल पहुंचा तो वहां उसके परिजनों की भीड़ लग गयी। रोते बिलखते बार बार यह दोहरा रहे थे कि काश मिंटू सिंह अपनी मां की बात मान लेता।
बताया जाता है कि मंगलवार की शाम चैनपट्टी गांव निवासी कुख्यात मिंटू सिंह के घर उसके ससुराल पिपराही निवासी मोहम्मद सोनू आया था। सोनू के आने के बाद अपनी सुसराल में रह रही पत्नी रीना देवी से मिलने का मिंटू सिंह ने मन बना लिया। वह सुसराल जाने के लिए तैयार होने लगा तभी उसकी मां कुंती देवी ने उसे रात में घर से निकलने के लिए काफी मना किया। लेकिन मां के मना करने के बाद भी वह सोनू के साथ बाइक से ससुराल के लिए निकल पड़ा। बताया जाता है कि घर से निकलने के बाद कुछ दूर आगे जाने पर एनएच 28 किनारे स्थित एक लाइन होटल पर मिंटू सिंह रूक गया। यहां कुछ देर रूक कर सिगरेट पीने के बाद वह फिर आगे बढ़ गया। अभी वह बसडीला बाजार के तुरहा टोली में पहुंचा ही था कि बाइक पर बैठे सोनू के मोबाइल पर मिंटू सिंह की पत्नी का काल आ गया। सोनू से मोबाइल लेकर वह बाइक चलाते चलाते ही पत्नी से बात करने लगा कि तभी मोबाइल हाथ से छूट कर नीचे गिर गया। बताया जाता है कि मोबाइल गिरने पर बाइक की रोशनी में मोबाइल खोजने के लिए उसने बाइक पीछे घुमाया ही था कि तीन बाइक पर सवार पांच अपराधी वहां पहुंच गए और मिंटू सिंह को लक्ष्य कर पिस्तौल से फायरिंग शुरू कर दिया। फायरिंग शुरू होते ही बाइक पर बैठा सोनू कूद कर भाग निकला और एक घर में जाकर छिप गया। इस दौरान अपराधियों ने मिंटू सिंह को सिर से लेकर पैर तक गोलियों से भून डाला। अपराधियों की फायरिंग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मिंटू सिंह के शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं था जहां गोली नहीं लगी थी। सिर से लेकर पैर तक मिंटू सिंह को 21 गोलियां लगी थी।
सिपाही हत्याकांड से चर्चित हुआ था मिंटू सिंह
अपराधियों की गोलियों का शिकार बना मिंटू सिंह अपराध की दुनिया में एक बड़ा नाम बन गया था। बताया जाता है कि पहले चैनपट्टी में एनएच पर चेकपोस्ट था। 2007 में यहां पर तैनात एक सिपाही की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड में मिंटू सिंह का नाम आने के बाद यह अपराध की दुनिया में चर्चित हो गया। 30 अगस्त 2015 में शहर के हजियापुर वार्ड नंबर 27 में वरीय अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा की घर पर चढ़ कर अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में भी मिंटू सिंह का नाम सामने आया था। अधिवक्ता हत्याकांड में नाम आने के बाद पुलिस ने इसे जेल से रिमांड पर लेकर पूछताछ भी किया था। इन हत्याकांड के अलावे मिंटू सिंह पर गोपालगंज, मांझा, थावे, कुचायकोट, बरौली सहित कई थाना में 23 मामले दर्ज थे।
गोलियों की आवाज से दहल उठा बसडीला बाजार
मंगलवार की रात करीब साढ़े दस बजे थे। इस वक्त तक बसडीला बाजार तथा आसपास गांव के अधिकांश ग्रामीण सो रहे थे। कुछ लोग सोने की तैयारी कर रहे थे। इसी समय अचानक बसडीला बाजार के तुरहा टोला में अपराधियों ने मिंटू सिंह पर फायरिंग शुरू कर दिया। फायरिंग इतनी तेज थी कि बसडीला बाजार गोलियों की आवाज से दहल उठा। यहां के निवासी गोलियो की तड़तड़ाहट से अपने बिस्तर से उठ गए। लेकिन दहशत इतनी थी कि यहां के लोग घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जब अपराधी मिंटू सिंह को गोलियों से भून कर वहां से चले गए, इसके काफी देर बाद तक वहां सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि बाद लोग माजरा समझने के लिए एक एक कर अपने घर से बाहर निकलने लगे। इस बीच सूचना मिलने पर वहां पुलिस पहुंच गयी।