मरीजों ने खोला अस्पताल की व्यवस्था की पोल

शनिवार को सदर अस्पातल का निरीक्षण करने वरीय पदाधिकारियों के साथ पहुंचे जिलाधिकारी राहुल कुमार के सामने मरीजों ने इस अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल दिया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने मरीजों से मिल कर उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा। इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों ने डीएम को बताया कि ठंड के इस मौसम में भी उन्हें अस्पताल प्रशासन की तरफ से कंबल नहीं दी जा रही है। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्था भी अस्त व्यस्त मिली। डीएम के दिन के ग्यारह बजे निरीक्षण के लिए सदर अस्पताल पहुंचने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में अफरा तफरी मची रही। डीएम के अस्पताल पहुंचने के समय तक कई कर्मी ड्यूटी पर पहुंचे ही नहीं थे तो कुछ अस्पताल आने के बाद भी इधर उधर चहलकदमी करते मिले। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी सबसे पहले आपरेशन कक्ष की तरफ गए तो वह बंद मिला। यहां से महिला वार्ड में पहुंचे जिलाधिकारी ने मरीजों से उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा। मरीजों ने बताया कि स्वास्थ विभाग द्वारा इस कड़ाके की ठंड में भी कंबल नही दिया गया है। मरीजों की शिकायत पर डीएम ने सीएस को सख्त हिदायत दिया कि मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी हर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल परिसर में बने आंख अस्पताल पहुंचे डीएम ने वहां पसरी गंदगी को देख कर सीएस को सफाई एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के अलावे एडीएम जगदीश प्रसाद सिंह, डीडीसी जीउत सिंह, एसडीओ मृत्युंजय कुमार, सिविल सर्जन डा.मद्देश्वर प्रसाद शर्मा आदि मौजूद रहे।

डीएस को लगायी फटकार

सदर अस्पताल के महिला वार्ड में निरीक्षण के दौरान मरीजों से जब जिलाधिकारी वहां की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे थे तभी अचानक डीएस डा.पीसी प्रभात को हंसी आ गयी। जिसे देख कर डीएम ने डीएस को जमकर फटकार लगायी। डीएम ने कहा कि यहां मजाक चल रहा क्या, मैं कुछ कह रहा हूं और आपको हंसी आ रही है। इसके बाद डीएम ने अस्पताल में काम करने वाली ममता कर्मियों से बात कर उनकी परेशानी को जाना। ममता कर्मियों ने डीएम को बताया कि रात दिन ड्यूटी करते हैं। लेकिन समय से पैसा नहीं दिया जाता है। ममता कर्मियों की समस्या सुन कर डीएम ने ममता कर्मियों द्वारा अस्पताल में प्रसव कराने के लिए लाई गयी महिलाओं को लेखा जोखा सीएस से मांगा। लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधक को फोन करने के बाद भी रजिस्टर नहीं मिला।

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