प्रखंड के भैसही मध्य विद्यालय में गुरुवार को खुद को निगरानी विभाग का पदाधिकारी बताकर जांच करने पहुंचे पांच लोगों को रिश्वत मांग जाने से आक्रोशित शिक्षकों व ग्रामीणों ने बंधक बना दिया। बंधक बनाए जाने के बाद ग्रामीणों ने चारों की जमकर पिटाई कर दी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को भी कथित जांच अधिकारियों को मुक्त कराने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच ग्रामीण व पुलिस के बीच भी नोंकझोंक हुई। मारपीट में घायल तीन लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को एक जिप्सी पर सवार होकर पांच लोग मांझा थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय भैसहीं में पहुंच गये तथा खुद को निगरानी का अधिकारी बताते हुए स्कूल की जांच करने लगे। स्कूल के शिक्षक भी जांच में सहयोग कर रहे थे। इसी बीच जांच पूर्ण होने के साथ ही कथित जांच अधिकारियों ने पैसों की मांग कर दी। पैसा मांगे जाने के बाद विद्यालय के शिक्षकों को कथित जांच पदाधिकारियों पर संदेह हो गया। शिक्षकों ने इस बात की सूचना ग्रामीणों को दी। कुछ ही देर में ग्रामीण विद्यालय में पहुंच गये तथा जांच को पहुंचे कथित अधिकारियों की जमकर पिटाई करने के बाद उनमें से तीन को पकड़कर विद्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया। ग्रामीणों ने जिप्सी गाड़ी में बैठे चालक की भी जमकर पिटाई की तथा गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना की सूचना मिलने के बाद मांझा थाने की पुलिस के अलावा मुखिया राधारमण मिश्र भी मौके पर पहुंच गये तथा आक्रोशित ग्रामीणों को समझाकर कमरे में बंद लोगों को मुक्त कराने के प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण पुलिस की बात को सुनने के लिए तैयार नहीं थे। बंधक बने लोगों को मुक्त कराने के प्रयास में पुलिस व ग्रामीणों में काफी नोंक-झोंक भी हुई। स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलने पर एसडीपीओ मनोज कुमार के साथ विशंभरपुर सहित कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची गयी। पुलिस ने काफी प्रयास के बाद पुलिस ने बंधक बनाए गये तीन लोगों को मुक्त कराकर उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। उधर सदर अस्पताल में इलाज को लाए गये कथित जांच टीम के सदस्य तथा पटना जिले के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के निवासी रोहित चौबे ने बताया कि विद्यालय की जांच के बाद जब वे लोग लौट रहे थे तब उन्हें दोबारा विद्यालय में बुलाकर हमला किया गया। उन्होंने शिक्षकों पर मारपीट करने का आरोप लगाया। इस हमले में उनके अलावा अनिल यादव, विश्वनाथ शर्मा, अशोक यादव तथा अनवर अली घायल हो गये। बताया जाता है कि जांच को पहुंची कथित टीम की जिप्सी पर निगरानी सेल अंकित किया गया था। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद जब उनसे पूछताछ किया तो रोहित चौबे सहित अन्य लोगों ने खुद को अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन तथा भ्रष्टाचार निरोधी सेल का सदस्य व अधिकारी बताया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं कर सकी है कि पकड़े गये लोग निगरानी से संबद्ध थे या नहीं। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।