इस बार भी गणतंत्र दिवस पर ई किसान भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सपना पूरा नहीं हो सका। ई किसान भवन निर्माण कार्य करा रहे संवेदक की लापरवाही अब किसानों के साथ ही प्रखंड कृषि विभाग पर भी भारी पड़ने लगी है। बताया जाता है कि 43 लाख 50 हजार की लागत से 13 मार्च 2010 को यहां ई किसान भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। भवन बना भी दिया गया। लेकिन भवन का रंग रोगन तथा इसमें बिजली सप्लाई का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। जिसके कारण छह साल बाद भी ई किसान भवन कृषि विभाग के सुपुर्द नहीं किया जा सका। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी धर्मनाथ सिंह कहते हैं कि ई किसान भवन को लेकर कई बार भवन निर्माण विभाग को लिखा जा चुका है। लेकिन संवेदक की निष्क्रियता के कारण भवन अधूरा पड़ा हुआ है।