जिला परिषद के सभागार में रविवार को सुलभ इंटरनेशनल सेंटर फार एक्शन सोशियोलाजी के तत्वाधान में आयोजित सेमिनार में स्वच्छता के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। सेमिनार का विषय था स्वच्छता अभियान में नागरिकों की भूमिका। इस विषय पर अपने विचार रखते हुए वक्ताओं ने स्वच्छता पर महात्मा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को रखा, साथ ही शौचालयों के महत्व के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देश में खुले में शौच का प्रतिशत पचास प्रतिशत से अधिक है। जबकि नेपाल में चालीस प्रतिशत, बंगला देश में तीस प्रतिशत तथा पाकिस्तान में तेइस प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति तो और खराब है। यहां 77 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं। उन्होने कहा कि शौचालय के अभाव में महिलाएं रात के अंधेरे में ही शौच के लिए जा सकती हैं। शौच की इच्छा को दबाने से वे बीमारियों की शिकार होती हैं। उन्होने कहा कि स्वच्छता की कमी से बच्चों का मानसिक विकास कमजोर पड़ा जाता है। इससे पूर्व सेमिनार का उद्घाटन सांसद जनक राम तथा विधायक मोहम्मद नेमतुल्लाह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। सेमिनार में सांसद व विधायक के अलावे एमटी खान,
ज्वाला प्रसाद, प्रो.विजय कुमार वर्मा, राजेश कुमार पाठक, चंद्रमोहन पाण्डेय, राकेश कुमार दुबे, उमाशंकर प्रसाद ठाकुर, प्रिंस तिवारी आदि ने संबोधित किया। मंच का संचालन मनोज कुमार श्रीवास्तव ने किया।