यहां बच्चे अधूरे पड़े भवन के बाहर बैठ कर पढ़ने को मजबूर
हैं। एमडीएम भी बाहर ही खुले में ईट जोड़कर बनाए गए चूल्हे पर
बनता है और शौच लगने पर बच्चों को स्कूल के बाहर जाना पड़ता
है। ऐसा तब है जबकि हथुआ के एकडेंगा बाजार में स्थित प्राथमिक
विद्यालय की दशा सुधारने के लिए चार साल पूर्व ही पहल शुरू की
गयी थी। इस विद्यालय में भवन निर्माण से लेकर शौचालय बनाने के
लिए राशि उपलब्ध करायी गयी। लेकिन राशि निकासी के बाद
आधा अधूरा भवन का निर्माण कर काम को बंद कर दिया गया।
ग्रामीण बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में यहां भवन का
निर्माण कार्य शुरु हुआ। लेकिन अब तक भवन निर्माण का कार्य
पूरा नहीं किया गया। शौचालय से लेकर रसोई घर भी नहीं बनाया
गया। ऐसे में बच्चों का मध्याह्न भोजन खुले आसमान में ईंट जोड़कर
बनाया जाता है। इस स्कूल के बच्चे पेयजल के लिए तरस रहे हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि यहां लगे चापाकल का हेड चोरी हो गया।
लेकिन इसकी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं करायी गयी। वहीं इस
संबंध में इस विद्यालय के प्रधान शिक्षक भगवान राम कहते हैं कि वे
वे जनवरी माह से ही इस विद्यालय के प्रभार में हैं। भवन निर्माण
कार्य पूर्व प्रधानाध्यापक मिथिलेश कुमार सिंह के कार्यकाल में
प्रारंभ हुआ था। वे कहते हैं कि पूर्व प्रधानाध्यापक ने अब तक
सिर्फ विद्यालय का शैक्षणिक तथा एमडीएम का प्रभार ही
दिया है। भवन निर्माण के साथ ही विकास राशि का अब तक
प्रभार नहीं दिया गया है और ना ही कोई कागजात उपलब्ध
कराया गया है। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर बीइओ कहते हैं कि
भवन निर्माण कार्य अधूरा पड़े होने की विभागीय जांच करायी
जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई
होगी।