नमी के बहाने किसानों के सब्र की परीक्षा

धान क्रय प्रारंभ करने की मियाद पांच दिन बीत चुकी है। किसान धान की खरीदारी शुरू होने की उम्मीद में बैठे हैं। लेकिन धान क्रय करने की जिम्मेदारी जिन एजेंसियां पर हैं, वे अभी सुस्त पड़ी हुई हैं। एजेंसी धान में नमी के बहाने किसानों के सब्र की परीक्षा ले रहे रही हैं।

सरकार धान क्रय शुरु करने का एलान करते हुए क्रय को लगायी जाने वाली एजेंसियों के पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि कोई भी एजेंसी इसके लिए तैयार नहीं है। यहीं कारण है कि पांच दिन की मियाद बीतने के बाद भी एक किलोग्राम भी धान क्रय नहीं हो सका है। धान क्रय में विफल साबित हो रही एजेंसियां नमी का बहाना बना रही है। एजेंसी का दावा है कि अधिकतम 17 प्रतिशत नमी वाला धान ही क्रय किया जाना है। लेकिन किसानों के पर उपलब्ध धान में 21 से 22 प्रतिशत तक नमी है। ऐसे में अधिक नमी के कारण धान का क्रय नहीं हो पा रहा है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। विभाग की तैयारियों पर नजर डालें तो अभी विभाग इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। ऐसे में नमी के बहाने क्रय एजेंसी किसानों के सब्र की परीक्षा ले रहा है। कागज पर धान क्रय को तैयार बैठा विभाग यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि किसानों के पास उपलब्ध धान की नमी खरीद के मानक पर कब तक तैयार हो सकेगी। ऐसे में रबी अभियान के लिए पैसों की कमी की समस्या झेल रहे किसानों के समक्ष बड़ी समस्या पैदा हो गयी है।

खुले में धान की बिक्री

धान क्रय में लगी सरकारी एजेंसियों के बहाने के बीच किसान पैसों के लिए धान खुले बाजार में बेच रहे हैं। किसानों की मानें तो नवम्बर से लेकर जनवरी माह तक रबी अभियान के लिए पैसों की जरुरत होती है। इस जरुरत को पूरा करने के लिए वे खुले बाजार में व्यवसायियों को धान की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें दो सौ से ढाई सौ रुपये प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है।

पैक्स से चावल लेगा एसएफसी

इस साल एसएफसी ने व्यवस्था में कुछ बदलाव किया है। पूर्व में एसएफसी पैक्स में खरीदे गये धान को खुद प्राप्त करने के बाद उसका मिलिंग कराता था। इस साल व्यवस्था में बदलाव किया गया है। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस साल राज्य खाद्य निगम पैक्स को धान के बदले चावल क्रय करेगा। यानि पैक्स धान क्रय करने के बाद उसे राइस मिलों में भेजकर उसकी मिलिंग कराएंगे। उसके बाद ही धान राज्य खाद्य निगम प्राप्त करेगा।

नहीं हुआ राइस मिलों का चयन

राज्य खाद्य निगम ने भले ही पैक्स से चावल प्राप्त करने का निर्णय लिया है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक राइस मिलों के चयन का कार्य भी पूर्ण नहीं किया गया है। ऐसे में पैक्स परेशान हैं। अगर पैक्स ने किसानों का धान प्राप्त कर लिया तो उसकी मिलिंग वे कहां कराएंगे। किसानों का धान क्रय शुरु नहीं होने के बड़े कारणों में यह भी शामिल है।

कहते हैं अधिकारी

राइस मिलों के चयन का कार्य अबतक पूर्ण नहीं किया गया है। जल्द ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसके लिए बैठक आयोजित होगी। उसके बाद ही राइस मिलों का चयन व मिलों से पैक्स की टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जा सकेगा।

कृष्ण मोहन प्रसाद

जिला आपूर्ति पदाधिकारी

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