मोबाइल पर फोन कर दस लाख की रंगदारी मांगे जाने की प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा. देवकांत से बुधवार को पुलिस ने एक घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान से काल डिटेल के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारी से सवाल- जवाब किया गया। चिकित्सा पदाधिकारी से पूछताछ के बाद इस मामले की जांच अब अंतिम चरण में पहुंच गयी है।
बताया जाता है कि बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा.देवकांत ने रविवार की रात बरौली थाना में दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके मोबाइल पर फोन कर दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी। रंगदारी देने से इंकार करने पर उनके बच्चे को उठा लेने की धमकी दी गयी। चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा रंगदारी मांगे जाने की प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में छापामारी कर एक आटो चालक प्रभु कुमार को हिरासत में ले लिया। लेकिन आरोपी से पूछताछ के बाद रंगदारी मांगने का मामला गलत पाया गया। युवक को हिरासत में लेने के बाद मंगलवार पुलिस अधीक्षक निताशा गुड़िया ने चिकित्सा पदाधिकारी से रंगदारी मांगने के आरोप को गलत बताया था। उन्होंने बताया कि चिकित्सक ने मनगढंत आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी। काल डिटेल से यह बात सामने आयी है कि चिकित्सक ने ही युवक को पहले फोन किया था। जांच में रंगदारी मांगने का मामला गलत पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में प्राथमिक दर्ज कराने वाले चिकित्सा पदाधिकारी पर भी कार्रवाई करने का संकेत दिया था। इस बीच बुधवार को पुलिस ने चिकित्सा पदाधिकारी डा.देवकांत से एक घंटे तक पूछताछ किया। इस दौरान काल डिटेल के आधार पर पुलिस ने उनसे सवाल-जवाब किया। बताया जाता है कि चिकित्सा पदाधिकारी से पूछताछ के बाद पुलिस इस मामले की जांच पूरी करने के अंतिम चरण में पहुंच गयी है।