जांच में दोषी पाये गए मुखिया पति व उप मुखिया

भोरे प्रखंड के जगतौली पंचायत के मुखिया पति तथा उप मुखिया पर प्रशासन की गाज गिरनी तय है। इस पंचायत में इंदिरा आवास की राशि में गड़बड़ी की जांच को लेकर गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट उप विकास आयुक्त को सौंप दी है। जिसमें मुखिया पति तथा उप मुखिया प्रथम दृष्टया में दोषी पाये गए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उप विकास आयुक्त आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को अनुशंसा करेंगे। इस अनुशंसा के बाद मुखिया पति तथा उप मुखिया पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

उप विकास आयुक्त जिउत सिंह ने बताया कि जगतौली पंचायत के 147 लाभुकों को इंदिरा आवास के नाम पर उपलब्ध कराई गई राशि मुखिया पति तथा उप मुखिया के खाते में भेजे जाने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। जिसमें वरीय उप समाहर्ता धनन्जय कुमार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय तथा डीआरडीए के लेखा पदाधिकारी आलोक कुमार शामिल थे। इस समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट में मुखिया पति रमेश सिंह तथा उप मुखिया उमेश यादव पर फर्जी सलाह सूची सृजित करने, इंदिरा आवास के लाभुकों को लाभ से वंचित करने तथा राशि अपने खाते में स्थानान्तरित कराने व सूद के रूप में प्राप्त 17,900 की राशि का गबन करने का आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुआ है। उप विकास आयुक्त ने बताया कि मुखिया पति तथा उप मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की जाएगी। बतातें चलें कि प्रखंड के जगतौली पंचायत में लाभुकों के लिए प्राप्त 73 लाख की राशि मुखिया पति व उप मुखिया के खाते में स्थान्तरित कर दी गयी थी। इस मामले की जांच के दौरान लाभूकों की सूची में शामिल कई लोग मृत पाए गये थे तथा कई लाभूकों के पास पूर्व से पक्के मकान मौजूद पाए गये थे।

तत्कालीन बीडीओ से जवाब तलब

जांच रिपोर्ट आने के बाद उप विकास आयुक्त ने इंदिरा आवास के लाभूकों के चयन में अनियमितता तथा सलाह सूची मुखिया पति रमेश सिंह को सौंपने के आरोप में भोरे प्रखंड के संबंधित सहायक, प्रधान सहायक तथा तत्कालीन बीडीओ से जवाब तलब किया है। उन्होंने बताया कि इनका जवाब अगर संतोषजनक नहीं पाया जाता है कि उनके विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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