अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए सरकार की पहल भी सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को राहत नहीं दिला सकी है। इस अस्पताल में संसाधनों की कमी का आलम यह है कि यहां स्लाइन का बोतल टांगने के लिए स्टैण्ड तक के लिए मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में में हाथ में बोतल पकड़ कर मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जाता है। जिससे मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गयी है। सोमवार को भी इलाज कराने आने वाले मरीजों को ऐसी ही परेशानी से दो चार होना पड़ा। बताया जाता है कि कुचायकोट के रमेश प्रसाद के पुत्र हादसे में घायल हो गए थे। इन्हें इलाज के लिए परिजनों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पातल में भर्ती होने के बाद चिकित्सक ने स्लाइन चढ़ाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को कहा। लेकिन स्वास्थ्य कर्मी दवा की बोतल को लटकाने के लिए काफी देर तक स्टैण्ड खोजते रहे गए। कोई स्टैण्ड खाली नहीं मिलने पर आखिर कार परिजनों के हाथ में बोतल थमा कर स्लाइन लगा दिया गया। ऐसे में हाथ में बोतल पकड़े परिजन तब तक खड़े रहे जब तक कि डेढ़ घंटे तक स्लाइन चढ़ता रहा। वैसे ऐसी स्थिति से यहां आने वाले अधिकांश मरीजों को दो चार होना पड़ता है। इस संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि स्टैण्ड की भारी कमी है। जिसके कारण मरीजों के परिजनों के हाथ में बोतल पकड़ाना मजबूरी बन गयी है।