अभी रबी अभियान का समय है। ऐसे में किसानों को खेती के लिए नलकूपों की जरुरत है। लेकिन अभी से राजकीय नलकूप धोखा देने लगे हैं। इनकी खराब स्थिति के कारण किसान निजी पंप सेट पर आश्रित होने लगे हैं। पंप सेट की सिंचाई महंगी होने के कारण किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर जल्द ही खराब नलकूपों को दुरुस्त नहीं किया गया तो इस साल भी उन्हें खेतों की सिंचाई को अधिक राशि खर्च करने को विवश होना पड़ेगा।
भोरे प्रखंड क्षेत्र के हुस्सेपुर गांव में स्थित राजकीय नलकूप खराब होने से किसान परेशान हैं। किसानों द्वारा खराब नलकूपों को ठीक कराने के लिए कई बार विभाग को लिखित रूप से सूचना दी गयी है। बावजूद इसके नलकूप विभाग की ओर से इस नलकूप को ठीक करने की दिशा में कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रखंड क्षेत्र के दुबवलिया गांव के अलावा हुस्सेपुर तथा तिवारी चकिया गांव में राजकीय नलकूप स्थापित किये गये हैं। लेकिन तकनीकी कारणों से सभी नलकूप खराब पड़े हैं। ऐसे में किसानों को इस साल भी गेहूं की सिंचाई के लिए पंप सेट चालकों को 160 से 170 रुपये प्रतिघंटे के महंगे दर से पटवन करने को विवश होना पड़ेगा। किसान मनु तिवारी, हीरा तिवारी, वकील अंसारी, रामविलास तिवारी, संजय दुबे आदि बताते हैं कि नलकूपों के रबी फसल की सिंचाई के समय खराब हो जाने की सूचना विभाग की कर्मियों को दी गई है। अगर समय रहते विभाग नलकूपों को ठीक नहीं करा पाया तो पटवन के एवज में किसानों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ जाएगा। किसानों ने कहा कि यदि खराब नलकूपों को ठीक नहीं किया गया तो वे आंदोलन को विवश होंगे।