देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की जीवन से हमें
प्रेरणा लेने की जरुरत है। उनकी प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से
लगाया जा सकता है कि उनके परीक्षा का कापी जांच करने
वाले शिक्षक ने यह लिखा कि कापी जांचने वाले से कापी
लिखने वाला तेज है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
की जयंती 131वीं वर्षगाठ के अवसर जिलाधिकारी राहुल कुमार
ने उक्त बातें कही।
जिले के पोस्ट ऑफिस चौक पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा
पर माल्यार्पण किया गया। जिसके बाद बच्चों को संबोधित
करते हुए जिलाधिकारी राहुल कुमार ने राजेंद्र प्रसाद के प्रतिभा
की जानकारी दी और बच्चों को सम्मानित भी किए। उन्होंने
कहा कि अपनी प्रतिभा के बल पर ही वे स्वतंत्र भारत के पहले
राष्ट्रपति के रुप में चुने गए। स्वतंत्रता संग्राम में भी उनकी अहम
भूमिका थी। उनके आदर्श आज भी प्रासांगिक हैं। उनके जीवन के
आदर्शों पर चल कर अपनी प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाले लोगों में जिला
प्रशासन के वरीय अधिकारी, हेमंत नाथ देव, डीडीसी, एसडीओ,
पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा जिले के तमाम
समाजसेवी, सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, पत्रकार,
कलाकार एवं अन्य शामिल थे।
राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को स्थानीय मिंज
स्टेडियम में महिला टी-20 क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया
है।