पसीना बहाकर फसल उगाने के बाद भी इस जिले में किसानों को उनकी मेहनत का मोल नहीं मिलता। जिले सहित प्रदेश का पेट भर सके, इसके लिए किसान कड़ी मेहनत कर हर साल फसलों की पैदावार बढ़ाने में पसीना बहा रहे हैं। लेकिन जब मौका फसल बेचने का आता है तब सरकारी एजेंसियां उदासीन हो जाती हैं और व्यापारी औने-पौने दाम देकर किसानों के अरमान खरीदने में लग जाते हैं। वर्षो से यह खेल चल रहा और आज तक इस स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हो सका। तभी तो इस बार भी किसान इसे बेंचने को दर-दर भटक रहे हैं। किसानों की उपेक्षा का आलम यह है कि धान क्रय का कार्य किसी भी केन्द्र पर शुरु नहीं हो सका है। वर्तमान रबी अभियान के लिए किसानों को पैसों की दरकार है। ऐसे में औने-पौने दाम पर किसान धान की बिक्री कर रहे हैं।
कृषि विभाग के सूत्र बताते हैं कि इस साल धान की पैदावार कम होने के बाद भी निर्धारित अवधि के अंदर धान क्रय का कार्य शुरू नहीं हो सका है। कर्ज लेकर किसानों ने रबी की खेती शुरु की। जब धान को बेचे जाने का समय आया तो धान क्रय की सारी व्यवस्था जवाब देने लगे हें। किसी भी क्रय केन्द्र पर धान की खरीद शुरु नहीं होने के कारण किसान प्रति क्विंटल तीन से चार सौ रुपये का घाटा सह कर धान बिचौलियों के हाथ बेंचने को विवश हो रहे हैं।
एसएफसी होगी नोडल एजेंसी
धान क्रय के लिए एसएफसी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसी एजेंसी के माध्यम से धान का क्रय किया जाना है। किसान पैक्सों को धान उपलब्ध कराएंगे। पैक्स धान क्रय करने के बाद प्रखंड में खुले एसएफसी को धान उपलब्ध कराएंगे।
क्या कहते हैं किसान
क्रय केन्द्रों पर धान की खरीद शुरु नहीं किये जाने से किसान नाराज हैं। मांझा प्रखंड के अजय कुमार तथा राजेश शर्मा भोरे के मनोज पाण्डेय, संजय तिवारी तथा रामअवतार राय जैसे किसानों का कहना है कि इस साल वैसे ही धान का उत्पादन काफी कम हुआ है। मौसम की मार के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। बावजूद इसके धान क्रय का कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है।
खोले जाने हैं 234 केन्द्र
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक पैक्स में एक धान क्रय केन्द्र खोला जाना है। इसके अलावा एफसीआई द्वारा भी प्रत्येक प्रखंड में एक केन्द्र खोला जाना है। इस प्रकार पूरे जिले में पैक्स द्वारा 234 क्रय केन्द तथा एसपएफसी द्वारा 14 क्रय केन्द्र खोले जाने हैं। बावजूद इसके अबतक जिले में एक भी क्रय केन्द्र सक्रिय नहीं दिख रहा है।