भूसा की कीमत से हांफ रहे पशुपालकों को राहत मिलने वाली है। जिले में अनुदान पर डंठल से भूसा बनाने वाली मशीन उपलब्ध कराने की कवायद तेज हो गई है। किसान स्ट्रा रिफर नामक इस मशीन को खरीदने में रूचि भी दिखा रहे हैं। ऐसे में अब वह दिन दूर नहीं है, जब भूसा के लिए पशुपालकों को पसीना नहीं बहाना पड़ेगा।
सरकार की पहल पर जिले के किसान भी खेती में आधुनिक तकनीक अपनाने लगे हैं। हार्वेस्टर से फसलों की कटाई और उसके बाद बचे डंठल को जलाने से, भूसा की ऐसी कमी हुई कि इसके दाम आसमान छूने लगे। लेकिन अब शायद ऐसा न हो। जिले में डंठल से भूसा बनाने वाली मशीन से भूसा की कमी दूर होने की उम्मीद दिखने लगी है। जिला कृषि पदाधिकारी डा.वेद नारायण सिंह कहते हैं कि डंठल से भूसा बनाने वाली मशीन स्ट्रा रीपर भी अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। गेहूं काटने वाली मशीन पर भी अनुदान देने की कवायद तेज कर दी गयी है। गेहूं काटने वाली मशीन रीपर बाइंडर पर भी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसान इन मशीनों को खरीदने में काफी रूचि भी दिखा रहे हैं। जाहिर है, इन मशीनों से किसानों और पशुपालक दोनों को सहूलियत होगी। किसान रीपर बाइण्डर से अपनी फसल काटेंगे और खेतों में बचे डंठल को स्ट्रा रीपर भूसा में बदल देगी। ऐसे में किसानों को डंठल का भी दाम मिलेगा और पशुपालकों को भूसा के लिए पसीना भी नहीं बहाना पड़ेगा।