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आशा पढ़ा रहीं परिवार नियोजन का पाठ

स्वास्थ्य समिति के अनुसार सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षित समाज के लिए परिवार नियोजन को और बढ़ावा देने के लिए आदर्श दंपती योजना शुरू की है। इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता नव दंपती के घर पहुंच कर उन्हें परिवार नियोजन का पाठ पढ़ा रही हैं। जिसमें आशा कार्यकर्ता नव दंपती को शादी के दो साल बाद पहले बच्चे को जन्म देने के लिए प्रेरित कर रही हैं। परिवार नियोजन के उपाय भी बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य समिति के अनुसार पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म में तीन साल का अंतराल रखने के लिए भी नव दंपती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही दो बच्चे वाले दंपती को परिवार नियोजन की स्थायी विधि अपनाने के लिए भी आशा कार्यकर्ता उत्प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी निभा सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने की व्यवस्था की गयी है। नव दंपती को शादी के दो साल बाद पहले बच्चे के जन्म के लिए प्रेरित करने पर आशा कार्यकर्ताओं को 500 रुपया तथा इतनी ही राशि पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म में तीन साल का अंतराल होने पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो बच्चे वाले दंपती को परिवार नियोजन की स्थायी विधि अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपये देने का भी प्रावधान है। हालांकि प्रोत्साहन राशि तभी दी जाएगी, जब इस बात की जांच कर ली जाएगी कि आशा कार्यकर्ताओं के प्रेरणा पर नव दंपती ने प्रावधान के अनुसार बच्चे के जन्म में अंतराल रखा है।

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