अपने बच्चों को पोलिया की दवा पिलाने से मना करने वाले भोरे के नारू चकरवां गांव के ग्रामीण आखिरकार प्रशासन के समझाने बुझाने पर मान गए। जिससे शनिवार को इस गांव के बच्चों को पोलिया की दवा पिला दी गयी। बताया जाता है कि पूरे जिले में 22 नवंबर से 26 नवंबर तक पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान चलाया गया था। इसी बीच इस अभियान में लगे कर्मी जब भोरे के नारू चकरवां गांव में बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने पहुंचे तो ग्रामीणों ने अपने बच्चों को दवा देने से मना कर दिया। ग्रामीण इस बात को लेकर नाराज थे कि उनके गांव का अभी तक विद्युतीकरण नहीं किया गया है। बताया जाता है कि ग्रामीणों द्वारा अपने बच्चों को पोलियो की दवा देने से मना करने के बाद इस अभियान में लगी सुपरवाइजर सीता देवी, पूनम देवी, सुशीला देवी कई बार इस गांव में जाकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों के नहीं मानने पर उन्होंने इसकी सूचना बीडीओ सोनू कुमार को दिया। पोलिया की दवा बच्चों को पिलाने से मना करने की जानकारी मिलने पर बीडीओ भी नारू चकरवां गांव पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर डटे रहे। उनका कहना है कि जब तक उनके गांव का विद्युतीकरण नहीं होगा वे अपने बच्चों को पोलिया की दवा नहीं पिलाने देंगे। ग्रामीणों की जिद को देखते हुए शनिवार को बीडीओ सोनू कुमार, थानाध्यक्ष सुरेश यादव, रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डा.मिलिंद मोहन के साथ विद्युत विभाग तथा टेकनो कंपनी के सहायक इंजीनियर नारू चकरवां गांव पहुंचे। इस दौरान विद्युत विभाग के जेई तथा टेकनो कंपनी के जेई ने गांव का शीघ्र विद्युतीकरण करने का लिखित आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीण मान गए और इस गांव के सभी बच्चों को पोलिया की दवा पिला दी गयी।