सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में सुविधा के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां न तो बेड पर चादर लगाई जा रही है और ना ही साफ सफाई की तरफ ही ध्यान दिया जा रहा है। ऐसा तब है जबकि शिकायत मिलने के बाद दो माह पूर्व सीएस ने बेड पर चादरें लगाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद कुछ दिन चादर लगाई भी गई। इसके बाद फिर से बेड से चादरें गायब हो गयी। सीएस के आदेश की परवाह नहीं कर रहे कर्मियों के कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है।
बताया जाता है कि करीब दो माह पूर्व सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में लगे बेड पर चादर नहीं होने की सूचना मिलने के बाद सीएस डा.मदेश्वर प्रसाद शर्मा ने स्वास्थ कर्मियों को अस्पताल में लगे हर बेड पर चादर लगाने का आदेश दिया। जिसके तुरंत बाद हर बेड पर चादर तो लगा। लेकिन चंद दिनों बाद बेड से चादर गायब हो गये। जिससे इमरजेंसी कक्ष में इलाज कराने वाले मरीज अपने साथ घर से चादर लाने को मजबूर हैं। अलबत्ता जब कोई वीआईपी मरीजों इमरजेंसी कक्ष में इलाज को आते हैं तो उनके लिए अलग से व्यवस्था जरूर कर दी जाती है।
बदबू के बीच होता है इलाज
सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में मरीजों का इलाज बदबू के बीच होता है। सदर अस्पताल में यूं तो हर जगह गंदगी दिखती है। लेकिन इमरजेंसी कक्ष की दशा कुछ ज्यादा ही खराब है। मरीज बताते हैं कि इमरजेंसी वार्ड के वार्ड संख्या एक और दो का शौचालय पिछले कई माह से खराब पड़ा हुआ है। जिससे उठती बदबू असहनीय हो गयी है। इसके बाद भी इस तरफ स्वास्थ्य महकमा ध्यान नहीं दे रहा है।
क्या कहते हैं सीएस
बेड पर चादर नहीं होने की जानकारी मुझे नहीं है। मैं अभी पटना में हूं। वहां से आने के बाद इस मामले काक देखेंगे। आदेश नहीं मानने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।