गंडक में सफाई के लिए उतरी ड्रेनेज मशीन हो गयी फेल

गंडक नदी में गाद की सफाई के लिए मंगायी गयी ड्रेनेज मशीन फेल हो गयी है. पायलट चैनल की सफाई नहीं होने से अब लोगों में बेचैनी देखी जा रही है. 
 
 यह खबर चौकानेवाली है. नदी की धारा को कमजोर करने के लिए मंगायी गयी ड्रेनेज मशीन पिछले पांच दिनों से एक ही जगह खड़ी है. मशीन काम नहीं कर रही है. इससे नदी का दबाव भसही से लेकर विशंभरपुर तक बना हुआ है. दबाव को कम करने के लिए पायलट चैनल का निर्माण दो किमी लंबा किया गया. चैनल के मुहाने पर शील्ट जमा होने के कारण नदी का दबाव भसही की तरफ बढ़ने लगा. इस बीच विभाग ने ड्रेनेज मशीन मंगायी,
 
ताकि मशीन को पूरी तरह से एक्टिवेट किया जाये. चैनल के एक्टिवेट होने से नदी का दबाव गांवों की तरफ से कम होता. इसका उल्टा हो गया है. नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है. गांव की अाबादी चिंता में डूबी है कि कहीं इस वर्ष भी नदी तबाही न मचा दे. नदी के रुख को देख विशंभरपुर, फुलवरिया, टांड़पर, विशंभरपुर प्लस टू स्कूल, भसही, समेत आधा दर्जन गांवों के लोगों की नींद हराम हो गयी है. नदी का रुख गांव को तबाह करने जैसा दिख रहा है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. सदर प्रखंड के जगीरीटोला, मेहदिया, कठघरवा, हिरापाकड़ में दबाव बना है. नदी के जल स्तर और आसमान में बादल देख दियारे के लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. मेहदिया में दो दर्जन से अधिक घरों को तोड़ कर लोग विस्थापित हो चुके हैं. सदर विधायक सुभाष सिंह ने कटावपीड़ितों के बीच प्रशासन से राहत सामग्री उपलब्ध कराने की अपील की है.बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता आरके शाही का दावा है कि जिले के सभी तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं. सोमवार को वाल्मीकिनगर बराज से 47 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया है. नदी अपने पेट में बह रही है. नदी के गोपालगंज की तरफ शिफ्ट बहने के कारण समस्या बनी है. कई जगह बचाव कार्य भी नदी में समा जा रहे हैं, जिसे रीस्टोर करने का काम किया जा रहा है.

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