खुले में शौच मुक्त घोषित पंचायत में नाकाम साबित हो रहे शौचालय

Tue, 17Jan 2017

हथुआ प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूरी तय करने पर पड़ता है जिगना जगरनाथ पंचायत। यह पंचायत खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित है। इस पंचायत के अंतर्गत आने वाले जिगना जगरनाथ, तोता राम के टोला, कमला प्रसाद के टोला, धोबहीं, मलाही टोला, राजघाट, सकलपुरा तथा अहिरौली गांव में घर- घर में शौचालय बनाया गया है। लेकिन अब अधिकांश शौचालय या तो नाकाम हो गए हैं या ध्वस्त हो गए हैं। ग्रामीण बताते हैं कि खुले में शौच मुक्त इस पंचायत के लोग अब खुले में ही शौच के लिए जाने को विवश हैं। शौचालय निर्माण के समय बरती गई अनियमितता अब इस पंचायत केच्स्वच्छता अभियान पर भारी पड़ रही है। शौचालयों की बदहाल स्थित के साथ ही सड़क की बदहाली भी इस पंचायत के लोगों के लिए समस्या का कारण बनी हुई है। हालांकि मीरगंज-सिवान मुख्य पथ के किनारे बसे इस पंचायत की मुख्य सड़क की दशा ठीक है। लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि इस पंचायत के किसी भी गांव को मुख्य पथ से जोड़ने के लिए पक्की सड़क नहीं है। पूरे पंचायत में खडं़जा सड़क ही है। यह खडंजा भी अब टूट गई है। कुछ ऐसी ही दशा इस पंचायत में खुले आंगनबाड़ी केंद्रों की है। इस पंचायत में नौ आंगनबाड़ी केंद्र हैं। लेकिन राजघाट गांव का छोड़कर अन्य आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन है। ये सभी केंद्र सेविकाओं के घर से संचालित होते हैं। हालांकि स्वास्थ्य सुविधा में यह पंचायत धनी है। इस पंचायत में स्वास्थ्य उप केंद्र के साथ ही पशु अस्पताल भी है। ग्रामीणों बताते हैं कि दोनों की दशा ठीक है और ग्रामीणों को इसका लाभ भी मिलता है। हालांकि यह लाभ सरकारी योजनाओं तक आते-आते बदहाली में बदल जाती है। जनवितरण प्रणाली की दुकानों से राशन किरासन पाने से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए ग्रामीणों को पापड़ बेलना पड़ता है। आलम यह है कि द्वितीय किश्त की राशि नहीं मिलने से इस पंचायत में 280 इंदिरा आवास अधूरे पड़े हुए हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण

 जंगबहादुर चौधरी
जिगना जगरनाथ पंचायत खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित है। घर-घर में शौचालय बनाया गया है। लेकिन अब सभी नाकाम हो गए हैं। विडंबना देखिए कि खुले में शौच मुक्त पंचायत के लोग लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं।

जंगबहादुर चौधरी

 सुनिल ¨सह
इस पंचायत के किसी भी गांव में पक्की सड़क नहीं है। मुख्य सड़क से गांव जाने के लिए खडं़जा है। खडंजा भी टूट गया है। मुखिया को सड़क की दशा सुधारने के प्रति ध्यान देना चाहिए।
सुनिल ¨सह

 सतेंद्र ¨सह
सरकारी योजनाएं अभी भी अधिकांश लोगों की पहुंच से दूर हैं। सामाजिक पेंशन योजना से लेकर इंदिरा आवास का लाभ अधिकांश गरीबों को नहीं मिला है। जिन्हें इंदिरा आवास मिला है, वह भी द्वितीय किश्त के अभाव में अधूरा पड़ा हुआ है।
सतेंद्र ¨सह

क्या कहते हैं मुखिया
 फुलकुमारी देवी, मुखिया
इस पंचायत में सड़क की दशा ठीक करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सभी गांवों के संपर्क पथ का पक्कीकरण कराया जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों को मिल सके, इसके लिए विशेष रूप से प्रयास किया जा रहा है।
फूलकुमारी देवी, मुखिया, जिगना जगरनाथ पंचायत

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