Sat, 29Oct 2016
बकाया पैसा मांगने के विवाद में हुई एक महिला की हत्या के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामविनोद प्रसाद सिंह के न्यायालय ने शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद कांड में नामजद पिता-पुत्र को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार करीब पंद्रह साल पूर्व 24 नवंबर 2001 को कटेया थाना क्षेत्र के रामदास बगहीं गांव में बकाया पैसा मांगे जाने पर कुछ लोगों ने फुलपति देवी तथा उनकी गोतनी प्रतिभा देवी पर जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के क्रम में घायल प्रतिभा देवी की मौत हो गई। घटना को लेकर कटेया थाने में कांड संख्या 173/2001 प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें रामदास बगहीं गांव के हंशनाथ मिश्र व उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र सहित तीन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया। आरोप पत्र आने के बाद हंशनाथ मिश्र तथा उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र के विरुद्ध सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य के दौरान प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में सत्र न्यायालय ने कांड में नामजद हंशनाथ मिश्र तथा उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र को दोषी करार देते हुए उन्हें दस-दस साल के सश्रम कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर आरोपियों को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
बकाया पैसा मांगने के विवाद में हुई एक महिला की हत्या के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामविनोद प्रसाद सिंह के न्यायालय ने शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद कांड में नामजद पिता-पुत्र को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार करीब पंद्रह साल पूर्व 24 नवंबर 2001 को कटेया थाना क्षेत्र के रामदास बगहीं गांव में बकाया पैसा मांगे जाने पर कुछ लोगों ने फुलपति देवी तथा उनकी गोतनी प्रतिभा देवी पर जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के क्रम में घायल प्रतिभा देवी की मौत हो गई। घटना को लेकर कटेया थाने में कांड संख्या 173/2001 प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें रामदास बगहीं गांव के हंशनाथ मिश्र व उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र सहित तीन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया। आरोप पत्र आने के बाद हंशनाथ मिश्र तथा उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र के विरुद्ध सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य के दौरान प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में सत्र न्यायालय ने कांड में नामजद हंशनाथ मिश्र तथा उनके पुत्र ओमप्रकाश मिश्र को दोषी करार देते हुए उन्हें दस-दस साल के सश्रम कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर आरोपियों को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।