Gopalganj News: एक साल में खाड़ी देश में दफन हो गए 37 युवक

Thu, 8Sep 2016

खाड़ी देशों की नौकरी भी अब सुरक्षित नहीं रही। आंकड़े गवाह हैं कि पिछले एक साल की अवधि में जिले से खाड़ी देशों में काम करने गए 37 लोग वहां हादसे के शिकार हो गए। कुछ की काम के दौरान कंपनी में जान चली गई तो कुछ की मौत सड़क दुर्घटना में हुई। दो-तीन मौत बीमारी के कारण भी हुई। पिछले एक दशक से खाड़ी देश में नौकरी का क्रेज बढ़ा है। अपने घर की माली हालत सुधारने के लिए जिले से प्रति वर्ष हजारों की संख्या में युवा खाड़ी देश में काम करने लिए जा रहे हैं। यह सिलसिला आज भी जारी है। इनमें से कुछ को वहां अच्छा रोजगार मिल जाता है तो कुछ ठगी के शिकार होकर अपना रुपया गंवाने के बाद स्वदेश लौटने को विवश होते हैं। इनमें कुछ ऐसे युवा भी शामिल हैं, जिनके लिए नौकरी के लिए खाड़ी देशों का सफर, अंतिम सफर साबित हुआ है। सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि जिले से खाड़ी देश में काम करने गए 37 लोग विभिन्न हादसों के शिकार हो गए।

सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले एक साल की अवधि में सबसे अधिक लोगों की मौत रियाद में हुई। मृत लोगों में कुछ आबूधाबी तो कुछ मस्कट में भी नौकरी करने वाले शामिल थे।

मुआवजा भुगतान की हो रही कार्रवाई

प्रशासनिक आंकड़ों की मानें तो मृत लोगों के परिवार के लोगों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। अबतक कुल 37 मृत लोगों में से 31 के परिवार के लोगों को मुआवजा भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। इनमें से 23 को मुआवजा भुगतान के लिए नजारत उप समाहर्ता को आदेश निर्गत किया जा चुका है। जबकि आठ अन्य मृत लोगों के परिवार के लोगों को मुआवजा भुगतान का मामला अंचल पदाधिकारी व सरकारी वकील के मंतव्य व रिपोर्ट के पेंच में फंसा नजर आ रहा है।

किस देश में हुई कितने लोगों की मौत

देश मृत लोगों की संख्या

रियाद 28

मस्कट 01

आबूधाबी 02

सऊदी अरब 06

अभी मुआवजा की राह देख रहे कई परिवार

भले ही प्रशासनिक स्तर पर 21 परिवारों को मुआवजा राशि देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन कई परिवारों को अबतक मुआवजा की राशि नहीं मिल सकी है। मस्कट में वॉल पेंटिंग के कार्य के लिए गए उंचकागांव थाना के जमसड़ गांव के जहीर हुसैन की पेंटिंग के दौरान ही गिरने से मौत हो गई थी। इस परिवार को कुल 9 लाख 67 हजार 755 रुपये की राशि देने को स्वीकृति दी गई है। लेकिन अबतक इस परिवार के लोगों को मुआवजा राशि का भुगतान अबतक नहीं किया जा सका है। मृत जहीर हुसैन की विधवा सायदा खातून ने बताया कि उसको छोटे-छोटे बच्चे हैं। पति की मौत के बाद अबतक उसे मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। सायदा जैसे कई परिवार और हैं, जिन्हें मुआवजा की राशि का भुगतान अबतक नहीं किया गया है।

कहते हैं अधिकारी

प्रशासनिक स्तर पर विदेश में मृत लोगों के शवों को स्वदेश मंगाने की कार्रवाई की जाती है। कई मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। कुछ मुआवजा भुगतान का मामला जांच रिपोर्ट के इंतजार में लंबित है।

राजीव रंजन सिन्हा

वरीय उप समाहर्ता, गोपालगंज

Ads:

सम्बंधित खबरें:







Ads Enquiry