St, 30 July 2016
भोरे थाना क्षेत्र से करीब 18 साल पूर्व एक युवती के अपहरण के बाद उसके साथ दुष्कर्म किए जाने की घटना में नामजद आरोपी को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामप्रकाश के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उसे दस साल के सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार भोरे थाना क्षेत्र के रेड़वरिया गांव से 19 अगस्त 1998 को घर से नित्य क्रिया के लिए निकली एक युवती का अपहरण कर लिया गया था। इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया। थककर पीड़ित युवती के पिता ने इस संबंध में कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। न्यायालय के आदेश पर घटना की भोरे थाने में कांड संख्या 78/1998 प्राथमिकी दर्ज की गई। कांड अंकित करने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन प्रारंभ की। छानबीन के दौरान पुलिस ने अपहृत युवती को बरामद किया। युवती के बरामद होने के बाद पुलिस को इस बात की जानकारी हुई कि अपहरण के बाद कांड में नामजद रेड़वरिया गांव का मुमताज मियां उसे लेकर लखनऊ लेकर चला गया तथा उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। इस मामले में घटना के एक साल बाद पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और मामले की सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार एडीजे प्रथम रामप्रकाश के न्यायालय ने शुक्रवार को कांड में नामजद आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे दस साल के सश्रम कारावास तथा दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर आरोपी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी विजय कुमार वर्मा तथा बचाव पक्ष से एसपी शाही ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।