Tue, 19 Apr 2016
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अनैतिक तरीके से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं के गर्भाशय की सर्जरी किये जाने के मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद जिले के आठ बड़े निजी नर्सिंग होम के संचालकों के विरुद्ध नगर थाने में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जिलाधिकारी राहुल कुमार के आदेश पर सिविल सर्जन के बयान पर कांड अंकित कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है।
सिविल सर्जन डाक्टर मदेश्वर प्रसाद शर्मा ने जिले के आठ नर्सिग होम के संचालकों के विरुद्ध थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के लोगों को मिले स्मार्ट कार्ड के सहारे अनैतिक तरीके से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए चिन्हित किये गये नर्सिग होम में गड़बड़ी की गयी। जब पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सामने आयी तो इस बात का खुलासा हुआ कि बीपीएल परिवार की महिलाओं के गर्भाशयों की सर्जरी में अनियमितता की गयी। जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है उनमें शहर के उपकार सेवा सदन के अलावा सृष्टि सौम्या अस्पताल के डाक्टर रामेश्वर सिंह, आलम हास्पिटल मीरगंज के डाक्टर गौहर आलम, जगदम्बा नर्सिग होम के डाक्टर अशोक कुमार चौधरी, सर्जी ब्यूरो सेंटर, विप्रासी हास्पिटल के डाक्टर बैद्यनाथ प्रसाद सिंह, डाक्टर सुभाष चन्द्र गुप्ता तथा सौरव हास्पिटल के डाक्टर संजीव कुमार शामिल हैं।