Mon, 11 Apr 2016
सीमावर्ती उत्तर प्रदेश सिसवां गांव के एक पिपल पेड़ के पास से छिटकी आग ने रविवार को प्रखंड के आधा दर्जन गांवों में भारी तबाही मचायी। आग लगने से इन गांवों के दर्जनों किसानों की करीब डेढ़ हजार एकड़ में लगी लाखों की गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। आग लगने की सूचना के बाद पहुंचे वरीय अधिकारियों ने अग्निकांड से बर्बाद हुई फसल का विस्तृत जायजा लिया।
बताया जाता है कि सिसवां पिपल वृक्ष के समीप एक महिला ब्रम्हस्थान पर जैवनार चढ़ाया जा रहा था। इसी बीच तेज हवा के कारण आग हवा में छिटक गयी। और बगल के खेत में लगे फसलों में जा गिरी। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया। जिससे खेत में लगे डेढ़ हजार एकड़ की गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। अगल बगल के दर्जनों गांवों के लोगों ने अथक प्रयास से आग पर काबू पाया। जिसके बाद दमकल आने के बाद आग बुझाने में सहयोग पाया गया। आग इतनी विकराल थी कि भवानी छापर, मथौली, बड़हरा, भोजौली खुर्द तथा जगदीशपुर गांव के दक्षिण और मेन रोड के पूर्व का सारा हिस्सा जलकर राख हो गया। मौके पर बीडीओ सतीश कुमार, सीओ चंदन कुमार तथा अवर निरीक्षक रामविनय कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचकर लोगों को आग बुझाने के लिए प्रेरित किया। फसल जलने वाले में मथौली गांव के सुभाष मिश्र, रामलोचन तिवारी, सत्यप्रकाश पाठक, बड़हरा के सुरेंद्र दुबे, जगदीशपुर के गिरिजा शंकर तिवारी, राजेंद्र सिंह, अमलेश पाण्डेय, सुरेंद्र सिंह, मडपी गांव के जितेंद्र दुबे, रामनारायण सिंह, भोजौली गांव के यशवंत शाही, विष्णु देव यादव, सोनू लाल श्रीवास्तव, कन्हैया गुप्ता सहित सैकड़ों लोग शामिल है। सीओ चंदन कुमार ने सभी पीड़ित परिवारों को आपदा प्रबंधन से मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया।