मुर्गा-मीट खाने वालों को इस बार होली में निराश होना पड़ेगा। बिजनेस पर चोट पड़ने को देखते हुए मांस विक्रेता भी मायूस हैं। गुरुवार को होली पड़ने का गम दोनों को सता रहा है। दिन का फेर ही ऐसा है। पिछले साल होली में मुर्गे की टांग उड़ते हुए, होली है भाई होली है पर झूमने की बारी मांसाहार के शौकीन लोगों की थी। लेकिन इस बार इनका गमगीन चेहरा देख, बुरा न मानों होली है, कहने का दिन मुर्गो का है। गुरुवार को होली पड़ने से इस बार मुर्गे भी फगुआ आएंगे और जमकर ठुमका लगाएंगे।
होली में इस बार किस्मत मुर्गो पर मेहरबान है। वृहस्पति की कृपा इन पर बन गयी है। इस बार गुरुवार को होली पड़ने से मांसाहार के शौकीनों को निराश होना पड़ेगा। अब ये मन मरोस कर खीर-पूड़ी के साथ फगुआ के गीत पर रंग उड़ाएंगे।