आये दिन विद्यालयों में निर्धारित दर से अधिक शुल्क की वसूली किये जाने की शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग ने विद्यालयों के हेडमास्टर को निर्धारित दर से ही छात्र-छात्राओं से पैसों की वसूली करने का निर्देश दिया है। साथ ही शुल्क वसूली का रसीद भी संबंधित छात्र को देने का निर्देश जारी किया गया है। अगर जांच में शुल्क का रसीद नहीं दिये जाने की शिकायत मिली तो संबंधित हेडमास्टर या शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। बताया जाता है कि जिले के सभी राजकीय कृत, अल्पसंख्यक, वित्त रहित, उत्क्रमित उच्च विद्यालय में विकास कोष के मद में मनोरंजन शुल्क, क्रीड़ा शुल्क, पुस्तकालय शुल्क, विज्ञान शुल्क, विद्युत शुल्क, स्काउट शुल्क व गाइड शुल्क लिया जाता है। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने हर मद का शुल्क निर्धारित किया है। लेकिन कई विद्यालयों में शुल्क के नाम पर अधिक राशि वसूली की शिकायतें मिलती रहती है। जिससे देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार ने निर्धारित किये गये शुल्क को दीवाल पर अंकित किये जाने का निर्देश दिया है। ताकि प्रत्येक छात्र को कितना शुल्क देना है, इसकी जानकारी हो सके। डीइओ ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर कहीं भी अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिली तो संबंधित शिक्षक या प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाएगी।