वैसे तो जिला मुख्यालय में घोषित रूप से तीन टैक्सी स्टैंड हैं। लेकिन यहां हरेक चौराहा इन दिनों स्टैंड बना हुआ है। चाहे नगर के जादोपुर चौक हो या बंजारी चौक, डाकघर चौक हो या मिल रोड। शहर के हरेक प्रमुख मार्ग इन दिनों टैक्सी स्टैंड में तब्दील हो गये हैं। प्रशासनिक स्तर पर बार-बार इन अवैध टैक्सी स्टैंडों को हटाने के दिशा में निर्णय लिये गये हैं। बावजूद इसके इन अवैध स्टैंडों पर लगाम नहीं लग सका है। ऐसे में हर दिन सड़क जाम की समस्याओं से आम लोग जूझने को विवश होते हैं।
शहर के मुख्य बस पड़ाव से लेकर अन्य घोषित बस व टैक्सी स्टैंडों में वाहन स्टैंड के बाहर ही खड़े होते हैं। राजेन्द्र बस पड़ाव इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। स्टैंड में काफी जमीन होने के बाद भी यहां वाहन सड़क से ही खुलते हैं। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर जाने वाली गाडि़यां भी बस स्टैंड से नहीं खुलकर अंबेडकर चौक से खुलती हैं। बंजारी मोड़ स्थित टैक्सी स्टैंड प्रशासन की आंखों की किरकिरी बनने के बाद भी पूर्व की तरह बेरोकटोक चल रहा है। इसी प्रकार डाकघर चौक को तो टैम्पो चालकों ने पूरी तरह से अघोषित टैक्सी स्टैंड ही बना दिया है। जादोपुर चौक तथा हजियापुर चौक के अलावा मिल रोड व अरार पथ में भी सड़क पर स्टैंड के वाहनों के खड़े होने से समस्याएं घटने के बजाय बढ़ती जा रही हैं।
नो इंट्री की उड़ रही धज्जियां
प्रशासनिक स्तर पर शहर के मुख्य पथ पर सुबह के आठ बजे से रात्रि के आठ बजे तक नो इंट्री घोषित कर रखा है। लेकिन यहां नो इंट्री की हर दिन धज्जियां उड़ रही है। शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर बड़े वाहन धड़ल्ले से गुजरते हैं। बावजूद इसके इनपर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती।